NSE Co-Location Case:  दिल्ली की एक अदालत ने एनएसई को-लोकेशन मामले में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक चित्रा रामकृष्ण (Chitra Ramakrishan) और समूह संचालन अधिकारी (GOO) आनंद सुब्रमण्यम (Ananad Subramanyam) को जमानत देने से इनकार करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डायलन (Noble Prize Winner Bob Dayalan) और फ्रेंकस्टीन मॉन्स्टर का हवाला दिया है. अदालत ने अपनी आदेश में कहा कि विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) समेत वित्तीय दुनिया एनएसई के खुद को मजबूत करने का इंतजार कर रही है.....ताकि वे बड़ी संख्या में निवेश के लिए भारत आ सकें, जो वर्तमान में निवेश के लिए शानदार स्थान है.


विशेष न्यायाधीश संजीव अग्रवाल ने 12 मई को पारित एक आदेश में यह बात कहा. इस आदेश की 42 पृष्ठ की विस्तृत प्रति सोमवार को अदालत की वेबसाइट पर डाली गई थी. न्यायाधीश ने कहा, ''ऐसा प्रतीत होता है कि आरोपी रामकृष्ण प्रथम दृष्टया एनएसई के मामलों को एक 'निजी क्लब' की तरह चला रही थीं. जैसा गायक लेखक, नोबेल पुरस्कार विजेता बॉब डायलन ने एक बार कहा था मनी डज नॉट टॉक, इट स्वेअर्स.''


विदेशी निवेशकों को चाहिए निष्पक्ष, पारदर्शी और साफ-सुथरा स्टॉक एक्सचेंज
उन्होंने कहा, ''यह 1964 के गीत एल्बम इट्स ऑलराइट मा आई एम ओनली ब्लीडिंग’ का एक गाना है जिसका मतलब है कि पैसे का न केवल प्रभाव होता है, बल्कि इसका बहुत प्रभाव होता है और इसका लोगों पर भी प्रतिकूल प्रभाव होता है.'' अदालत ने कहा कि यह वर्तमान घोटाला देश में निवेश के परिदृश्य को भी प्रभावित कर सकता है......जैसा कि विदेशी निवेशकों को, जो हमेशा व्यापार करने के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और साफ-सुथरा स्टॉक एक्सचेंज चाहते हैं.


जज ने सुनावाई के दौरान कही ये बात
न्यायाधीश ने कहा, ''एनएसई में कामकाज के मामले में कहा जा सकता है कि किसी संस्थान के जीवनकाल में कभी ऐसा समय आता है, जहां वह खुद को संकट में पाता है. उस समय उसे रास्ता चुनना होता, ऐसा रास्ता जो चीजों को दबावे के बजाय उसे पुराना गौरव फिर दिला सके, जो बाद में फ्रैंकस्टीन का मॉन्सटर बन सकता है.''


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