कोच्चि: केरल हाई कोर्ट ने सोने की तस्करी से जुड़े मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के निलंबित अधिकारी एम. शिवशंकर की अंतरिम जमानत याचिका बुधवार को खारिज कर दी. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीमा शुल्क विभाग मामले की जांच कर रहा है.


अदालत ने दो अलग-अलग अंतरिम याचिकाओं पर फैसला सुनाया. जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान, उच्च न्यायालय ने 28 अक्टूबर तक शिवशंकर की गिरफ्तारी पर रोक लगा दी. ईडी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि अधिकारी की हिरासत में पूछताछ की आवश्यकता है, क्योंकि वह जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं.


ईडी ने शिवशंकर को लिया हिरासत में


एजेंसी ने कहा कि सोना तस्करी मामले में शिवशंकर की भूमिका की जांच अभी की जा रही है और अंतरिम जमानत देने से इसका जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा. वहीं अंतरिम जमानत की मांग करते हुए शिवशंकर ने कहा था कि उन्होंने अभी तक सभी निर्देशों का पालन किया है और उनके भागने की कोई गुंजाइश भी नहीं है. इस बीच, आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि ईडी ने शिवशंकर को हिरासत में ले लिया है. उल्लेखनीय है कि सीमा शुल्क विभाग ने गत पांच जुलाई को 15 करोड़ रुपये मूल्य का 30 किलोग्राम सोना जब्त किया था.





राष्ट्रीय जांच एजेंसी, प्रवर्तन निदेशालय समेत केंद्रीय एजेंसियां मामले की कर रही जांच


राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए), सीमा शुल्क विभाग और प्रवर्तन निदेशालय समेत केंद्रीय एजेंसियां इस मामले में अलग अलग जांच कर रही हैं. एनआईए ने इस मामले में गैर कानूनी गतिविधि रोकथाम कानून के तहत सुरेश, सरित पीएस, संदीप नायर और फैजल फरीद सहित कई लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. सुरेश और सरित संयुक्त अरब अमीरात के वाणिज्य दूतावास के पूर्व कर्मचारी हैं. मामला संयुक्त अरब अमीरात के तिरुवनंतपुरम स्थित वाणिज्य दूतावास के एक अधिकारी के नाम का इस्तेमाल कर राजनयिक सामान के जरिए सोने की तस्करी की कोशिश से जुड़ा है.


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