Australia And UK PM Baisakhi 2023 Greetings: देश और दुनिया में बैसाखी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है. सिख धर्म में इसका खास महत्व है. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज (Anthony Albanese) और ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक (Rishi Sunak) ने भी बैसाखी पर शुभकामनाएं और बधाई संदेश दिए हैं. अल्बनीज ने इस मौके पर सिख धर्म के मानवता में समानता के विश्वास और आस्ट्रेलिया की समृद्धि में सिख समुदाय के योगदान को याद करते हुए सराहा है. वहीं, ऋषि सुनक ने पंजाबी में 'सारेया नू वैसाखी दियां लख लख बधाइयां' बोलकर बधाई दी है. 


ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज का शुभकामना संदेश


ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक शुभकामना संदेश जारी किया, जिसमें लिखा, ''बैसाखी मनाने के लिए इकट्ठा हुए सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को हार्दिक शुभकामनाएं देते हुए मुझे खुशी हो रही है. बैसाखी समारोह सिख धर्म की सुंदरता और मानवता की याद दिलाता है. मानवजाति के कल्याण के लिए प्रयास करते हुए सिख धर्म सभी में समानता के विश्वास पर आधारित है.


आस्ट्रेलिया भर के गुरुद्वारों में बैसाखी एक आनंद और उदारता से भरा समय है. बैसाखी हमारे समाज की समृद्धि, ताकत और जीवंतता में सिख आस्ट्रेलियाई लोगों के योगदान का जश्न मनाने का अवसर है. आप हमारे देश की कहानी का एक अहम हिस्सा हैं. ईश्वर करे कि यह वैशाखी विश्वास, समुदाय और जुड़ाव का एक अद्भुत उत्सव हो.''






ब्रिटेन के PM ऋषि सुनक ने ऐसे दी बधाई


भारत में ब्रिटिश उच्चायोग ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक का बधाई संदेश साझा किया. ब्रिटेन सरकार की वेबसाइट पर सुनक के संदेश में लिखा गया, ''मैं ब्रिटेन और दुनियाभर के सिखों को बैसाखी की ढेर सारी शुभकामनाएं देना चाहता हूं. देश के जीवन में आपका योगदान अतुलनीय है. दोनों विश्व युद्धों के नायकों से लेकर आधुनिक एनएचएस में काम करने वालों तक, सिखों ने आज के ब्रिटेन को बनाने में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है. आपके प्रधानमंत्री के रूप में, मैं आपकी ओर से की जाने वाली हर चीज के लिए धन्यवाद देता हूं. आप इस शुभ अवसर को अपने स्थानीय गुरुद्वारे में मनाएं या अपने प्रियजनों के साथ घर पर, मुझे आशा है कि आपका दिन शानदार होगा. सारेया नू बैसाखी दीयां लख लख बधाइयां!''






क्यों मनाया जाता है बैसाखी?


बैसाखी का पर्व हिंदी कलेंडर के दूसरे महीने वैशाख में वसंत ऋतु के दौरान पड़ता है. यह त्योहार फसल को समर्पित है. इस दौरान रबी की फसल पककर तैयार हो जाती है. कृषि प्रधान क्षेत्र होने के कारण हरियाणा और पंजाब में बैसाखी का पर्व अत्यंत हर्षोल्लास के कारण मानाया जाता है. सिख धर्म से इसका विशेष संबंध है. 1699 में बैसाखी पर्व के दिन सिखों के दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी ने खालसा पंथ की स्थापना की थी. देश के अन्य राज्यों में यह पर्व अलग-अलग नामों और रूप में मनाया जाता है. असम में मनाए जाने वाले बिहू को भी इससे जोड़कर देखा जाता है.  


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