नई दिल्लीः मंगलवार को चैत्र नवरात्र व्रत के साथ साथ देश भर में बैसाखी का पर्व भी मनाया जाएगा. पंजाब समेत देश के कई कई शहरों में इसकी तैयारियां भी शुरू हो चुकी है. बैसाखी सिख धर्म के संस्थापक और दसवें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह की याद में मनाया जाता है. बैसाखी के दिन से सिखों के नए साल की शुरुआत भी होती है. इस दिन रबी फसलों की कटाई का जश्न मनाया जाता है.


हालांकि इस बार बैसाखी के मौके पर किसानों में उत्साह की कमी देखनो मिल रही है. कारण जानने पर पता चलता है कि एक तरफ कोरोना ने किसानों की हालत खराब कर रखी है तो दूसरी ओर कृषी कानून के विरोध में किसान दिल्ली के बॉर्डर पर बैठे हुए हैं.


कोरोना संक्रमण के डर के कारण लोगों की हालत पहले से ही ठीक नहीं है इस महामारी के कारण दिल्ली, चंडीगढ़ और पंजाब के कई शहरों में नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है ऐसे में बैसाखी के रंग फीके पड़ते दिख रहे हैं. कोरोना के कारण लोगों को घरों में बैसाखी का पर्व मनाना पड़ेगा.


हालांकि बैसाखी से पहले भारत पाकिस्तान संबंधों के बीच एक सुखद खबर भी सामने आई है. सिख श्रृद्धालुओं का एक जत्था आज पाकिस्तान जाएगा. इस जत्थे में शामिल लोग पाकिस्तान स्थित कई गुरुद्वारों का दर्शन करेंगे.


इस जत्थे में 437 श्रद्धालु शामिल हैं. पाकिस्तान जाने से पहले इन सभी यात्रियों की कोरोना जांच हुई. इस जांच में सभी यात्री निगेटिव आए हैं. सभी यात्री आज रवाना होंगे और 22 अप्रैल को लौट आएंगे.


श्रद्धालुओं के पाकिस्तान जाने की जानकारी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी यानि एसजीपीसी के सेक्रेटरी मोहिंदर सिंह आहिल ने दी.


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