Bajrang Dal's Protest: नूपुर शर्मा ( Nupur Sharma) के बयान से उठे बवाल और कई शहरों में हुई हिंसा को देखते हुए आज विश्व हिंदू परिषद (Vishwa Hindu Parishad) के संगठन बजरंग दल (Bajrang Dal) ने दिल्ली और जम्मू-कश्मीर सहित सभी राज्यों में प्रदर्शन किए और ज़िला मुख्यालयों पर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा. वीएचपी के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने जम्मू कश्मीर के राजौरी ज़िले के सुंदरबनी में हुए धरने को संबोधित भी किया. उन्होंने कहा कि बीजेपी की नूपुर शर्मा और नवीन जिंदल के मुकदमों में जब तक न्यायालय यह घोषणा नहीं करता कि उन्होंने कोई अपराध किया है, तब तक उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता.
विश्व हिंदू परिषद के निशाने पर है पीएफआई
पीएफआई एक मुस्लिम राजनीतिक दल है जिस पर देश में हिंसा को समर्थन देने का आरोप लगता रहा है. विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि देश में इस्लामिक जिहादी हिंसा भड़काने वाले पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और तबलीगी जमात जैसे संगठनों पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए. जिन स्थानों पर हिंदू समुदाय अल्पसंख्यक हो गया है, वहां उसकी सुरक्षा के लिए पर्याप्त प्रबंध किए जाएं. बजरंग दल ने ये मांगें 16 जून को देश भर में प्रशासनिक अधिकारियों को राष्ट्रपति के नाम सौंपे ज्ञापन में भी की हैं.
कट्टरपंथी मुस्लिम नेतृत्व पर साधा निशाना
आलोक कुमार ने कहा कि कट्टरपंथी मुस्लिम संगठन आम मुसलमान को जुमे की नमाज या दूसरे अवसरों पर गुमराह कर हिंसा के रास्ते पर धकेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे '15 मिनट के लिए पुलिस हटाने’ जैसे बयान देने वालों से भी कहना चाहते हैं कि यह 2022 का भारत है. आज की सरकार देश में कानून का शासन कायम रखने में समर्थ है.
वीएचपी ने दिए ‘डाइरेक्ट एक्शन’ के संकेत
वीएचपी कार्याध्यक्ष ने ये भी कहा कि हिंदू समाज भी आत्मरक्षा के अपने अधिकार का प्रयोग करते हुए गुंडागर्दी से निपटना भली-भांति जानता है. इस देश व्यापी प्रदर्शन के मौक़े पर विहिप के केंद्रीय संयुक्त महामंत्री डॉ सुरेंद्र जैन ने हरियाणा के रोहतक में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जेहादी तत्व हिंसा के नंगे नाच से बाज आएं. हिंदुओं के विरुद्ध हिंसा और अत्याचारों पर अब पूर्ण विराम लगाना ही होगा.
बजरंग दल के राष्ट्रीय संयोजक श्री सोहन सिंह सोलंकी ने इस अवसर पर कहा कि हिंसक और आतंकी लोगों व संगठनों की चुनौतियों को बजरंग दल ने हमेशा से स्वीकार किया है. यदि हिंदू समाज पर हमले नहीं रुके, तो बजरंगी अच्छी तरह जानते हैं कि उनसे कैसे निपटा जाए.
रासुका के तहत कार्यवाही की मांग
बजरंग दल के देशव्यापी धरने के बाद राष्ट्रपति के नाम सौंपे गए उसके ज्ञापन में मांग की गई है कि गत 3 और 10 जून को जुमे की नमाज के बाद मस्जिदों से निकली उन्मादी भीड़ और हमलावरों की पहचान कर उन पर रासुका के तहत कार्रवाई की जाए.
बजरंगदल की मुख्य मांगे
- आगामी शुक्रवार 17 जून को इन मस्जिदों समेत दूसरी मस्जिदों पर भी निगरानी रखी जाए.
- साथ ही उन्मादी भीड़ को भड़काने वाले मुल्ला-मौलवियों, नेताओं की पहचान कर उन पर भी रासुका लगाई जाए.
- जहरीले भाषण देने वाले सभी लोगों को चिन्हित कर कड़ी कार्रवाई की जाए.
- जिन्हें धमकियां दी जा रही हैं, उन्हें तत्काल सुरक्षा दी जाए और धमकियां देने वालों पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाए.
- जिन मस्जिदों और मदरसों से उन्मादी भीड़ निकलती है, उनकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए से कराई जाए.
बजरंग दल ने सेक्यूलर बिरादरी पर भी साधा निशाना
ज्ञापन में कहा गया है कि यूं तो हिंदुओं का कोई त्यौहार जिहादियों के आतंक का निशाना बने बिना आम तौर पर नहीं रहता किंतु, इस वर्ष 2 अप्रैल, श्रीराम नवमी (Shri Ram Navami ) और हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर निकाली गई शोभायात्राओं पर अब तक के सबसे बड़े हमले हुए. कट्टरपंथियों ने मस्जिदों से निकलकर हिंदुओं के घरों, दुकानों, वाहनों और सरकारी संपत्ति के साथ मंदिरों को भी नहीं छोड़ा. अनेक सुरक्षाकर्मी भी बुरी तरह घायल हुए. अनेक लोगों को जान से मारने की धमकियां भी दी गईं. हिंदू मानबिंदुओं का उपहास उड़ाया गया, सार्वजनिक तौर पर गाली गलौज की गई और सेक्युलर (Secular) बिरादरी के नेता और मुस्लिम संगठन इन सब बातों पर मौन साध गए, जो कि देश हित में नहीं है.
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