Harsha Murder Case: बजरंग दल के कार्यकर्ता की हत्या मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी, 6 आरोपी गिरफ्तार, 12 से पूछताछ
कर्नाटक के शिवमोगा में बजरंग दल के एक कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 12 से पूछताछ की जा रही है. शिवमोगा के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने यह जानकारी दी है.
कर्नाटक के शिवमोगा में रविवार रात बजरंग दल के एक कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. पुलिस ने 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है और 12 से पूछताछ की जा रही है. शिवमोगा के एसपी लक्ष्मी प्रसाद ने यह जानकारी दी है.
उन्होंने कहा, हर्षा के खिलाफ दो मामले दर्ज थे. एक दंगे का और दूसरा साल 2016-2017 में धार्मिक भावनाओं को आहत करने का. उन्होंने बताया कि बजरंग दल के कार्यकर्ता हर्ष की हत्या के मामले में कुल 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, 12 से पूछताछ की जा रही है. उन्होंने कहा कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों के नाम मोहम्मद काशिफ, सैयद नदीम, अफसिफुल्ला खान, रेहान शरीफ, निहान और अब्दुल अफनान हैं.
वहीं शिवमोगा के डिप्टी कमिश्नर डॉ सेल्वामणि ने कहा, इलाके में धारा 144 को दो और दिन शुक्रवार सुबह तक के लिए बढ़ा दिया गया है. दो दिन तक स्कूल बंद रहेंगे. स्थिति के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि जिले में कर्फ्यू को बढ़ाया गया है. सुबह 6 बजे से सुबह 9 तक लोग आ जा सकते हैं.
मृतक के अंतिम संस्कार के दौरान सोमवार को हिंसा की कुछ घटनाएं हुईं, जिसमें महिला पुलिसकर्मी समेत कई लोग घायल हो गए. उपद्रवियों ने कई वाहनों और दुकानों में तोड़फोड़ कर आगजनी की. हालांकि पुलिस ने जल्द ही हालात पर काबू पा लिया. इलाके में इसके बाद धारा-144 लगा दी गई.
पुलिस ने बताया था कि भारती कॉलोनी की रवि वर्मा गली में रविवार रात अज्ञात हमलावरों ने हर्ष नामक व्यक्ति की कथित तौर पर चाकू से वार करके हत्या कर दी. 23 साल का हर्ष बजरंग दल का कार्यकर्ता था. कई राजनेताओं ने इस घटना को हिजाब विवाद से जोड़ दिया है, जिसकी वजह से सियासी सरगर्मी भी बढ़ गई है. नेता एक दूसरे पर जमकर आरोप लगा रहे हैं.
ग्रामीण विकास एवं पंचायत राज मंत्री एवं शिवमोगा से विधायक केएस ईश्वरप्पा ने जिले के समुदाय विशेष के 'गुंडों' पर हत्या का आरोप लगाया है. ईश्वरप्पा ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार पर भी आरोप लगाया कि 'उनके बयान ने अल्पसंख्यक समुदाय में असामाजिक तत्वों को उकसाया.' जबकि पूर्व मुख्यमंत्री एचडी एच डी कुमारस्वामी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को इस समस्या के लिए जिम्मेदार ठहराया है और राज्य की शांति भंग करने का आरोप लगाया है.