साक्षी मलिक के संन्यास के बाद बजरंग पूनिया ने फुटपाथ पर छोड़ा पद्मश्री, सरकार बोली- निष्पक्ष हुआ WFI चुनाव | किसने क्या कहा?
Bajrang Punia Padma Shri: डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के चुने जाने को लेकर पहलवान बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लेटर लिखा है.
WFI Election: भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) में बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह का दबदबा बरकरार है. डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष पद पर बृजभूषण सिंह के बेहद करीबी संजय सिंह को गुरुवार (21 दिसंबर) को चुना गया. इसको लेकर सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करने वालों में मुख्य चेहरा रहे दिग्गज पहलवान साक्षी मलिक, बजरंग पुनिया और विनेश फोगाट ने नया मोर्चा खोल दिया है.
साक्षी मलिक ने गुरुवार (21 दिसंबर) को भरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुश्ती छोड़ने का ऐलान किया. इस दौरान साक्षी फूट-फूट कर रोने लगीं. उन्होंने अपना जूता टेबल पर छोड़ दिया. इसके एक दिन बाद यानी शुक्रवार (22 दिसंबर) को बजरंग पूनिया ने बड़ा ऐलान किया. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुला पत्र लिखते हुए कहा कि वो अपने पद्मश्री लौटा देंगे. इसके अलावा विनेश फोगाट ने 'वरदान मांगूंगा नहीं' कविता शेयर की.
बजरंग पूनिया ने क्या कहा?
बजरंग पूनिया ने पीएम मोदी को लेटर लिखते हुए कहा कि आपको पता होगा कि इसी साल जनवरी महीने में देश की महिला पहलवानों ने कुश्ती संघ पर काबिज बृजभूषण सिंह पर सेक्सुअल हैरेसमेंट के गंभीर आरोप लगाए थे. महिला पहलवानों ने अपना आंदोलन शुरू किया तो मैं भी उसमें शामिल हो गया था.
बजरंग पूनिया ने कहा कि आंदोलित पहलवान जनवरी में अपने घर लौट गए और उन्हें सरकार ने ठोस कार्रवाई की बात बोली, लेकिन तीन महीने बीत जाने के बाद भी जब सिंह पर एफआईआर तक नहीं की गई तो हम पहलवानों ने अप्रैल महीने में दोबारा सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया ताकि दिल्ली पुलिस कम से कम बृजभूषण सिंह पर एफआईआर दर्ज करें. इसके बाद भी बात नहीं बनी तो हमें कोर्ट में जाकर एफआईआर दर्ज करवानी पड़ी.
जनवरी में शिकायतकर्ता महिला पहलवानों की गिनती 19 थी जो अप्रैल तक आते आते 7 रह गई थी. इन तीन महीनों में अपनी ताकत के दम पर बृजभूषण सिंह ने 12 महिला पहलवानों को अपने न्याय की लड़ाई में पीछे हटा दिया था. आंदोलन 40 दिन चला. इन 40 दिनों में एक महिला पहलवान और पीछे हट गईं. हम सब पर बहुत दबाव आ रहा था. हमारे प्रदर्शन स्थल को तहस नहस कर दिया गया. हमें दिल्ली से बाहर खदेड़ दिया गया और हमारे प्रदर्शन करने पर रोक लगा दी. जब ऐसा हुआ तो हमें कुछ समझ नहीं आया कि हम क्या करें. इस कारण हमने अपने मेडल गंगा में बहाने की सोची. जब हम वहां गए तो हमारे कोच साहिबान और किसानों ने हमें ऐसा नहीं करने दिया.
अमित शाह का किया जिक्र
पूनिया ने बताया कि गृह मंत्री अमित शाह से भी हमारी मुलाकात हुई. इसमें उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि वे महिला पहलवानों के लिए न्याय में उनका साथ देंगे. कुश्ती संघ से बृजभूषण, उसके परिवार और उसके गुर्गों को बाहर करेंगे. हमने उनकी बात मानकर सड़कों से अपना आंदोलन समाप्त कर दिया, क्योंकि कुश्ती संघ का हल सरकार कर देगी और न्याय की लड़ाई न्यायालय में लड़ी जाएगी. ये दो बातें हमें तर्कसंगत लगी.
बीती 21 दिसंबर को हुए कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया है. उसने स्टेटमैंट दी कि दबदबा है और दबदबा रहेगा. महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर रहा था. इसी मानसिक दबाव में आकर ओलंपिक पदक विजेता एकमात्र महिला पहलवान साक्षी मलिक ने कुश्ती से संन्यास ले लिया.
उन्होंने लिखा, ‘‘जब किसी कार्यक्रम में जाते थे तो मंच संचालक हमें पद्मश्री, खेल रत्न और अर्जुन अवार्डी पहलवान बताकर हमारा परिचय करवाता था तो लोग बड़े चाव से तालियां पीटते थे. अब कोई ऐसे बुलाएगा तो मुझे घिन्न आयेगी क्योंकि इतने सम्मान होने के बावजूद एक सम्मानित जीवन जो हर महिला पहलवान जीना चाहती है, उससे उन्हें वंचित कर दिया गया. ’’
पूनिया ने अंत में लिखा, ‘‘मुझे ईश्वर में पूरा विश्वास है, उनके घर देर है अंधेर नहीं. अन्याय पर एक दिन न्याय की जीत जरूर होगी. ’’
मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूँ. कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है. यही मेरी स्टेटमेंट है। 🙏🏽 pic.twitter.com/PYfA9KhUg9
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) December 22, 2023
दिल्ली पुलिस ने रोका
जब पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और उन्हें लेटर सौंपने के लिए संसद पहुंचने की कोशिश की तो दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने उन्हें कर्तव्य पथ पर रोक दिया.
पूनिया को जब दिल्ली पुलिस अधिकारियों ने रोका तो उन्होंने कहा, ‘‘नहीं, मेरे पास कोई अनुमति नहीं है. अगर आप इस पत्र को प्रधानमंत्री को सौंप सकते हैं तो ऐसा कर दीजिये क्योंकि मैं अंदर नहीं जा सकता. मैं न तो विरोध कर रहा हूं और न ही आक्रामक हूं. ’’ इसके बाद उन्होंने फुटपाथ पर पद्मश्री छोड़ दिया.
सरकार क्या बोली?
बजरंग पूनिया के फैसले पर न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सूत्रों के हवाले से बताया कि केंद्रीय खेल मंत्रालय ने कहा कि ये उनका निजी फैसला है. दोबारा विचार करने के लिए समझाने का प्रयास करेगा. डब्लयूएफआई के चुनाव निष्पक्ष और लोकतांत्रिक तरीके से हुए हैं.
It is Bajrang Punia's personal decision to return Padma Shri. The WFI polls were held in fair and democratic manner: Sports Ministry sources
— Press Trust of India (@PTI_News) December 22, 2023
साक्षी मलिक ने लिया संन्यास
रियो ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक ने गुरुवार को टेबल पर अपने जूते रखकर संन्यास की घोषणा की. उनकी आंखों में आंसू थे. मलिक ने कहा, ‘‘हमने दिल से लड़ाई लड़ी, लेकिन बृजभूषण सिंह जैसा आदमी, उसका बिजनेस साझीदार और करीबी सहयोगी डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष चुना गया है तो मैं कुश्ती छोड़ती हूं.’’
विनेश फोगाट क्या बोलीं?
विनेश फोगाट ने डब्ल्यूएफआई का अध्यक्ष संजय सिंह के चुने जाने पर उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, ''हम जियेंगे और मरेंगे ऐ वतन तेरे लिए दिल दिया है जां भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए. '' फोगाट ने आज भी पोस्ट कर लिखा कि वरदान मांगूंगा नहीं.
वरदान मांगूँगा नहीं… pic.twitter.com/adAu1EhnH8
— Vinesh Phogat (@Phogat_Vinesh) December 22, 2023
बृजभूषण शरण सिंह ने क्या कहा?
संजय सिंह की जीत पर बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि दबदबा तो है, दबदबा कायम है और रहेगा. बृजभूषण सिंह के बेटे प्रतीक भूषण सिंह ने एक्स पर फोटो शेयर की. इसमें भी लिखा हुआ कि दबदबा तो है, दबदबा तो रहेगा.
— Prateek Bhushan Singh (@PrateekBhushan) December 21, 2023
बता दें कि बृजभूषण सिंह के खिलाफ लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों पर जांच चल रही है.
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