मुंबई: कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन के दौरान बकरीद मनाने को लेकर सरकारों और राजनैतिक और धार्मिक संगठनों में खींचतान शुरू है. महाराष्ट्र सरकार ने एक एडवाइजरी जारी करते हुए निर्देश दिया है कि राज्य में बकरीद की नमाज़ घरों में पढ़ी जाए, मस्जिद या सार्वजनिक ठिकानों या धर्मस्थल पर नहीं नमाज़ नही पढ़ी जाएगी. राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि कुर्बानी के लिए पशु ऑनलाइन बिकेंगे, पशु बाजार अथवा मंडी को मंजूरी नही दी गई है. फोन पर संपर्क कर कर सकेंगे पशुओं की खरीदारी की जा सकती है.
सरकार ने प्रतीकात्मक तौर पर कुर्बानी करने की अपील की
महाराष्ट्र सरकार ने अपनी नई गाइडलाइन में प्रतीकात्मक तौर पर कुर्बानी करने की अपील की है. प्रतिबंधित इलाकों में छूट नहीं मिलेगी और क्षेत्र के निवासियों को नियमों का पालन करना होगा. बकरीद के दिन किसी सार्वजनिक ठिकानों पर भीड़ भाड़ पर पाबन्दी लगाई गई है. महाराष्ट्र सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक कॉविड-19 के नियम का कोई उलंघन ना हो, इसलिए शासन के हर एक शाखा को अलर्ट पर रखा है. कानून का पालन करवाना यह वैदकीय, आरोग्य, शिक्षण, नगरपालिका और स्कूल पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी है.
कोरोना के खिलाफ लड़ाई में लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए- एनसीपी नेता मजीद मेंनन
बकरीद पर एनसीपी नेता मजीद मेंनन ने कहा, 1 अगस्त को बकरीद का त्योहार मनाया जाएगा. मेरा मानना है कि कोरोना वायरस से लड़ाई में हमें किसी भी प्रकार की लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए. प्रशासन को अधिकतम छूट देनी चाहिए, लेकिन बिना कोई जोखिम और खतरा उठाएं या कोई ऐसा कदम उठाया जिससे हमारी कोरोना के खिलाफ लड़ाई कमजोर हो. इस मामले में मुस्लिम समाज को भी पूरा सहयोग करने की आवश्यकता है. रमजान महीने में भी और पिछले 20 जुम्मे के दिन भी सामूहिक नमाज़ ना पढ़कर सहयोग क़िया. कुर्बानी के मामले में जितना प्रशासन सहयोग कर सके करना चाहिए.
वहीं, MIM सांसद जलील अंसारी ने कहा कि बकरीद के लिए मस्जिदें खोलेने की इजाज़त दी जाए. जलील ने कहा की बकरीद की नमाज़ सामूहिक तौर पर मस्जिद में हो. ऑनलाइन खरीद के अलावा लोकल मार्केट को बड़े मैदानों में खोलना चाहिए जिससे लोगो को सहूलियत हो.
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