मुंबई: मुंबई के कोलाबा इलाके में शनिवार को शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे की 95वीं जंयती के अवसर पर उनकी प्रतिमा का अनावरण किया गया. कार्यक्रम के दौरान बाल ठाकरे के बेटे और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, उनके चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार, पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट भी मौजूद रहे.
बाल ठाकरे की यह प्रतिमा दक्षिण मुंबई के राष्ट्रीय आधुनिक कला संग्रहालय और छत्रपति शिवाजी महाराज वास्तु संग्रहालय के बीच व्यस्त चौराहे पर स्थापित की गई है. उद्धव ठाकरे ने अपने पिता को याद करते हुए कहा, ' प्रत्येक शिवसैनिक की तरह मेरे लिए भी यह अविस्मरणीय पल है. कुछ क्षण ऐसे होते हैं जब आपके पास आभार व्यक्त करने के लिए शब्द कम पड़ जाते हैं और मुझे लगता है कि आज वही दिन है. व्यक्तिगत स्तर पर बालासाहेब के सभी राजनीतिक दलों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध रहे.'
उद्धव के बेटे एवं राज्य सरकार में मंत्री आदित्य ठाकरे ने भी इस कार्यक्रम के अवसर पर अपने दादा बाल ठाकरे को याद करते हुए इसे एक महत्वपूर्ण पल करार दिया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रतिमा बनाने वाले कलाकार शशिकांत वाडके की भी प्रशंसा की.
महाराष्ट्र में बीजेपी के राजनीतिकि उत्थान का श्रेय बाल ठाकरे को जाता है- संजय राउत
शिवसेना सांसद संजय राउत ने शनिवार को कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी के राजनीतिक उत्थान का श्रेय दिवंगत बाल ठाकरे और उनकी पार्टी (शिवसेना) को जाता है. मध्य मुंबई के शिवाजी पार्क में बाल ठाकरे के स्मारक पर शिवसेना के संस्थापक की 95वीं जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद राउत ने कहा कि यदि बीजेपी के साथ उनकी पार्टी शिवसेना गठबंधन नहीं करती, तो यह पार्टी (बीजेपी) महाराष्ट्र के ग्रामीण इलाकों में अपना आधार नहीं बना पाती.
राउत ने बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘आज की बीजेपी के उत्थान का श्रेय बाला साहेब को जाता है. अगर शिवसेना देश और महाराष्ट्र के हित में एक अलग राजनीतिक रुख अपनाती है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि पार्टी उनकी (बाल ठाकरे की) विचारधारा से भटक गई है.’’उन्होंने कहा, ‘‘हर पार्टी को उस विशेष राज्य, देश और उसके लोगों के हित में एक राजनीतिक रुख अपनाने की जरूरत है और शिवसेना ने ऐसा ही किया है.’’
शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता राउत ने कहा कि शिवसेना और महा विकास अघाड़ी (एमवीए) राज्य में जिस तरह से काम कर रहे हैं, उससे बाल ठाकरे खुश होते.’’उन्होंने कहा कि बाल ठाकरे की ‘‘विचारधारा’’ यह थी कि सभी दलों को राजनीति से परे हटकर राज्य के हित में एक साथ आना चाहिए.