Balaghat Lok Sabha Election 2024: मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के उद्गम स्थल के रूप में प्रसिद्ध बालघाट संसदीय क्षेत्र में 1989 लोकसभा चुनाव को आज भी याद किया जाता है. इस चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने पलटा था चुनावी गणित. बालाघाट अपनी कई प्रसिद्ध चीजों की वजह से पूरे देश-दुनिया में फेमस है. इसी तरह फेमस है बालाघाट का साल 1989 लोकसभा चुनाव. साल 1989 वैसे तो बालाघाट की राजनीति का भी एक बड़ा साल रहा था, इसी साल लोकसभा चुनाव में निर्दलीय प्रत्याशी कंकर मुंजारे ने जनता दल और कांग्रेस के वर्चस्व वाली बालाघाट लोकसभा सीट से जनता दल के दिग्गज उम्मीदवार को 10 हजार वोटों के बड़े मार्जिन से पटखनी दी थी और ऐसा करिश्मा कर दिखाया था जो इससे पहले इस लोकसभा सीट पर नहीं देखा गया था.
कंकर मुंजारे ने कर दिखाया था बालाघाट में जादू
लोकसभा चुनाव 1989 में कई दिग्गजों को करारी शिकस्त देने वाले इस निर्दलीय प्रत्याशी का नाम कंकर मुंजारे था. जिसने आज से 35 साल पहले बालघाट में चुनावी पाला बदल दिया था। उन्होंने 1989 लोकसभा चुनाव में जनता दल के उम्मीदवार केडी देशमुख को 10 हजार 466 वोटों के बड़े अंतर से चुनाव में पटखनी दी थी. उनकी जीत के पीछे सबसे खास बात तो यह थी, की बीजेपी के एक धाकड़ नेता ने उनकी जीत में बड़ी भूमिका निभाई थी. कंकर मुंजारे को संसद की दहलीज तक पहुंचाने में भी इस बीजेपी नेता का बड़ा योगदान माना जाता है.
बालाघाट में प्रभावशाली पूरन आडवाणी ने दिया था समर्थन
निर्दलीय चुनाव लड़ रहे कंकर मुंजारे का तब के धाकड़ बीजेपी नेता और बालाघाट में अच्छा प्रभाव रखने वाले पूरन आडवाणी ने खुलकर समर्थन किया था. वो पूरन ही थे जिनके समर्थन के बाद 1989 लोकसभा चुनाव का पूरा गणित ही बदल गया था. जिसके परिणाम स्वरूप जनता दल और कांग्रेस पार्टी के दिग्गजों को करारी शिकस्त झेलनी पड़ी थी. हालांकि, तब कंकर मुंजारे सांसदी तो जीत गए थे पर वो सिर्फ 11 महीने ही उस पद पर रह सके थे, क्योंकि उसके बाद तत्कालीन वीपी सिंह सरकार लोकसभा में विश्वास मत हार गयी थी.
1989 बालाघाट चुनाव में कंकर को मिले थे एक तिहाई वोट
लोकसभा चुनाव 1989 में बालाघाट में 7.91 लाख मतदाता थे. उस चुनाव में कंकर मुंजारे को 33.4 प्रतिशत वोट मिले थे. इसके उलट बालाघाट में प्रभुत्व रखने वाली जनता दल और कांग्रेस को लगभग एक लाख से अधिक मत मिले थे तो, वहीं, कंकर मुंजारे को 1 लाख 77 हजार 870 वोट मिले थे. वोटों के आधार पर जनता दल के केडी देशमुख दूसरे तो कांग्रेस प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहा था. केडी देशमुख को 1 लाख 67 हजार 404 मत मिले थे, ये कुल वोटों का 31.4 प्रतिशत था.
पूर्व सांसद को भी नहीं दिया था टिकने
बालाघाट से 1989 लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार नंदकिशोर शर्मा को तीसरे स्थान से संतोष करना पड़ा था। 1980 लोकसभा चुनाव में जीत हासिल कर सांसद रहे नंदकिशोर शर्मा को 1989 के इस चुनाव में 1 लाख 34 हजार 234 वोट मिले थे मतलब कुल मतों का 25.2 प्रतिशत. बोला जाता है की उस चुनाव में दोनों प्रमुख पार्टी जनता दल और कांग्रेस के खिलाफ लहर चल रही थी. जिसका फायदा निर्दलीय उम्मीदवार कंकर मुंजारे ने उठाया था और जीत हासिल की थी.