Balakot Strikes Anniversary: आज ही के दिन (26 फरवरी) चार साल पहले 2019 में भारतीय वायुसेना ने जवाब में बालाकोट एयर स्ट्राइक की थी. 'ऑपरेशन बंदर' के नाम से वायु सेना के किए गए सफल हवाई हमलों को चार साल हो गए जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों को ले जा रहे वाहनों के काफिले पर आत्मघाती हमले के 12 दिनों बाद भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था. 1971 के भारत-पाक युद्ध के बाद यह पहला मौका था जब किसी भारतीय विमान ने सीमा पार इस तरह का हवाई हमला किया गया हो. 


14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) की ओर से किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बदले और जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायु सेना ने बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े आतंकी ट्रेनिंग कैंप को नष्ट कर दिया था. वायुसेना के मिराज 2000 लड़ाकू विमानों का एक पूरा ग्रुप जवाबी हमले के लिए भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर गया था. 


ऑपरेशन को 'ऑपरेशन बंदर' दिया गया नाम
एयर स्ट्राइक शुरू करने और सुरक्षित रूप से वापस आने के पूरे ऑपरेशन को 'ऑपरेशन बंदर' (बंदर) नाम दिया गया था. यह नाम गोपनीय बनाए रखने और सुनिश्चित करने के लिए दिया गया था कि हवाई हमले की योजना लीक न हो जाए. हालांकि इन नाम के पीछे कोई विशेष कारण नहीं है, लेकिन जानकारी के मुताबिक भारत की युद्ध संस्कृति में बंदरों का हमेशा एक विशेष स्थान रहा है. जिसकी वजह से इस पूरे ऑपरेशन को 'ऑपरेशन बंदर' नाम दिया गया था. जैसे रामायण में भगवान राम के लेफ्टिनेंट भगवान हनुमान चुपचाप लंका में घुसकर रावण की लंका को नष्ट कर आए थे. उसी तरह इस ऑपरेशन भी भारतीय वायुसेना के विमान पाकिस्तानी धरती पर घुस गए और आतंकी शिविरों पर कहर बरपा कर वापस आ गए.


कैसे किया गया बालाकोट एयर स्ट्राइक?
बालाकोट पाकिस्तान में मंशेरा जिले का एक शहर है. यह एलओसी से लगभग 50 किमी दूर है और खुफिया एजेंसियों के बीच "आतंकवाद के केंद्र" के रूप में जाना जाता है. यह लंबे समय से अमेरिकी सेना के रडार पर है और एबटाबाद से 50 किमी दूर है जहां अल-कायदा प्रमुख ओसामा बिन लादेन को अमेरिकी सेना ने मार गिराया था.


जानकारी के मुताबिक 26 फरवरी को 12 मिराज ने कई हवाई ठिकानों से उड़ान भरी थी और जैश-ए-मोहम्मद आतंकी कैंप पर हमले किए. IAF पायलटों ने पांच स्पाइस 2000 बम गिराए, जिनमें से चार उस इमारत की छतों में घुस गए जिसमें आतंकवादी सो रहे थे. हमला सुबह  3:30 बजे किया गया था. बम गिराने के कुछ ही मिनटों के अंदर भारतीय वायुसेना के जेट वापस लौट आए थे.इन हमलों का उद्देश्य पाकिस्तान को सबक सिखाना था और बताना था कि भारत अब चुप नहीं बैठेगा हमले के बदले हमला करेगा. 


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