Balakot Air Strike: 26 फरवरी की रात साढे़ तीन बजे क्या हुआ था? भारत ने कैसे लिया पुलवामा का बदला? जानें उस रात की पूरी कहानी
भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया था. 14 फरवरी 2019 की शाम को जिस वक्त जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था उस वक्त अचानक एक कार सड़क के दूसरी तरफ से आकर टक्कर मार दी.
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भारत-पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई के बाद पहली बार भारत ने हवाई हमला करते हुए बालाकोट में एयर स्ट्राइक किया और जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर को ध्वस्त कर दिया. इस हवाई हमले के बाद पाकिस्तान पूरी तरह कांप उठा था. भारत की ओर से किए गए इस हवाई हमले के आज 2 साल पूरे हो गए हैं. बालाकोट हवाई हमला, जम्मू कश्मीर के पुलवामा हमले के बाद किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे.
क्या हुआ था 26 फरवरी की रात 3.30 बजे?
26 फरवरी 2019 के तड़के करीब साढ़े तीन बजे भारत की तरफ से 12 मिराज 2000 लड़ाकू विमानों ने नियंत्रण रेखा पार करते हुए पाकिस्तान स्थित बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी शिविर को ध्वस्त कर दिया. इस हमले के लिए भारतीय वायुसेना ने मिराज-2000 के साथ ही सुखोई एसयू-30 का इस्तेमाल किया था. वायुसेना के इस हवाई हमले में जैश के करीब ढाई सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. उरी और बालाकोट हवाई हमला, इन दोनों हमले से पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कार्रवाई से यह साबित हो गया कि अब इस्लामाबाद के हर एक्शन का करारा जवाब दिया जाएगा.
क्यों करना पड़ा बालाकोट एयर स्ट्राइक
भारत ने बालाकोट एयर स्ट्राइक, पुलवामा में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया था. दरअसल, 14 फरवरी 2019 की शाम को जिस वक्त जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ का काफिला गुजर रहा था, उस वक्त अचानक एक कार सड़क के दूसरी तरफ से आकर टक्कर मार दी. इसके बाद एक जबरदस्त विस्फोट हुआ और देखते ही देखते सीआरपीएफ के 42 जवान शहीद हो गए. इस घटना की दुनियाभर में आलोचना हुई और इसे जानकर पूरा देश सन्न रह गया.
सीक्रेट रखने के लिए नाम दिया गया ‘ऑपरेशन बंदर’
पुलवामा हमले के बाद देश बदला लेने के लिए गुस्से में उबल रहा था और सरकार की तरफ से यह कहा गया कि शहादत का बदला लिया जाएगा. पुलवामा हमला के ठीक 12 दिन बाद भारत ने 26 फरवरी की रात को भारत के मिराज-2000 को रवाना कर दिया. भारतीय लड़ाकू विमान ने देखते ही देखते आसमान से बम बरसा कर बालाकोट स्थित जैश के ना सिर्फ आतंकी शिविर को ध्वस्त किया बल्कि इस हमले में करीब ढाई सौ से ज्यादा आतंकी मारे गए थे. बालाकोट में वायुसेना के ऑपरेशन की गोपनीयता बरकरार रखने के लिए इसका कोडनेम ‘ऑपरेशन बंदर’ दिया था.
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