बलविंदर सिंह संधू हत्याकांड: खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के इशारे पर हुआ था मर्डर, NIA ने कोर्ट में दायर की चार्जशीट
एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट को ऐसे तमाम लोगों से चिढ़ थी जो खालिस्तानी विचारधारा का विरोध करते हैं. वह ऐसे तमाम लोगों को मौत के घाट उतारना चाहते हैं जो उनकी विचारधारा में आड़े आते हैं.
नई दिल्ली: पंजाब के तरनतारन जिले में शौर्य चक्र विजेता कमांडर बलविंदर सिंह संधू की हत्या पाकिस्तान में बैठे खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के कथित स्वयंभू कमांडर के इशारे पर की गई थी. यह हत्या खालिस्तान विचारधारा का विरोध करने के चलते की गई थी. नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ने इस मामले में 8 आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र कोर्ट के सामने दाखिल किया है.
एनआईए के एक आला अधिकारी ने बताया की जिन लोगों के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने दाखिल किया गया है, उनमें सुखराज सिंह उर्फ सूक्खा, रविंद्र सिंह, आकाशदीप अरोड़ा, जगरूप सिंह, सुखदीप सिंह, गुरु जीत सिंह, इंदरजीत सिंह और सुखमीत पाल सिंह के नाम शामिल हैं.
पिछले साल अक्टूबर में की गई थी संधू की हत्या
खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के इशारे पर यह हत्या 16 अक्टूबर 2020 को तरनतारन जिले में शौर्य चक्र विजेता के स्कूल में की गई थी. एनआईए के आरोपपत्र के मुताबिक एनआईए के पास इस मामले की जांच साल 2021 में आई थी. जिसके बाद एनआईए ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच के दौरान एनआईए अधिकारियों को पता चला कि खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट को ऐसे तमाम लोगों से चिढ़ थी, जो खालिस्तानी विचारधारा का विरोध करते हैं. वह ऐसे तमाम लोगों को मौत के घाट उतारना चाहते हैं जो उनकी विचारधारा में आड़े आते हैं.
पाकिस्तान में बनी थी हत्या की योजना
शौर्य चक्र विजेता बलविंदर सिंह की हत्या की योजना भी पाकिस्तान में बनी थी और खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट का कथित स्वयंभू कमांडर लखबीर सिंह रोडे भी इस साजिश में शामिल था. इस हत्याकांड को अंजाम देने के लिए बाकायदा हथियार और पैसे भी बॉर्डर पार से ही भेजे गए थे. इन पैसों और हथियारों को पंजाब भेजने के लिए आतंकवादी मादक पदार्थों के अपराधों से जुड़े नेटवर्क का सहारा लिया गया था.
आला अधिकारी के मुताबिक नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी ने जनवरी 2016 से अक्टूबर 2017 के बीच ऐसे ही 7 मामलों की जांच की थी. इन मामलों में 7 लोगों की जान गई थी और यह लोग एक समुदाय विशेष से संपर्क रखते थे. एनआईए को जांच के दौरान पता चला कि इस साजिश के तहत विदेश में बैठे खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट की लीडरशिप ने पंजाब के एक स्थानीय गैंगस्टर सुखमीत पाल सिंह उर्फ सुख भिकरवाल से संपर्क साधा और उसे उसके साथियों के जरिए कमांडर बलविंदर सिंह की हत्या करने को कहा.
एनआईए के मुताबिक केएलएफ के पाकिस्तान में बैठे ऑपरेशनल कमांडर हरमीत सिंह उर्फ हैप्पी उर्फ पीएचडी की हत्या के बाद सुख भिकरवालो को खुद लखबीर सिंह रोडे ने संदेश दिया था कि वह अपने साथियों के साथ कमांडर बलविंदर सिंह की हत्या कर दे और इसके लिए उसे हथियार और पैसे भी मुहैया कराए गये थे. अपने आकाओं के निर्देश पर सुख भिकरवाल ने अपने साथियों गुरजीत सिंह और सुखदीप सिंह को कमांडर संधू की हत्या के लिए निर्देश दिए थे. एनआईए के आला अधिकारी के मुताबिक इस मामले में जांच अभी भी जारी है और विदेश में बैठे खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट के जिन आतंकवादी नेताओं के नाम इसमें सामने आए हैं उनकी भूमिका की जांच अभी जारी है.
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