नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के कारण इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर लगा बैन 28 फरवरी तक बढ़ा दिया गया है. गुरुवार को नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (DGCA) ने इसकी जानकारी दी है. डीजीसीए ने एक सर्कुलर में कहा, "यह बैन इंटरनेशनल कार्गो संचालन और डीजीसीए की ओर से अप्रूव फ्लाइट्स पर पर लागू नहीं होगा."


कोरोना वायरस के चलते पिछले साल जून में इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर बैन की घोषणा की गई थी. कई महीनों में केंद्र सरकार ने अर्थव्यवस्था के अधिकांश क्षेत्रों में प्रतिबंधों में ढील दी है, लेकिन इंटरनेशनल फ्लाइट्स को पूरी तरह से चालू नहीं किया गया है.


केस-टू-केस बेसिस पर दी जा सकती है अनुमति
डीजीसीए ने कहा "हालांकि, इंटरनेशनल शेड्यूल्ड फ्लाइट्स को सक्षम प्राधिकारी की ओर से चुनिंदा मार्गों पर केस-टू-केस बेसिस पर अनुमति दी जा सकती है" केंद्र सरकार ने पिछले साल घरेलू फ्लाइट्स के संचालन की अनुमति दी थी.





गौरतलब है कि कोरोना के कारण इंटरनेशनल फ्लाइट्स के सस्पेंड होने के बाद मई से वंदे भारत मिशन के तहत स्पेशल इंटरनेशनल फ्लाइट्स और जुलाई से चुनिंदा देशों के साथ द्विपक्षीय "एयर बबल" अरैंजमेंट के तहत ऑपरेट की जा रही हैं.


23 देशों के साथ है एयर बबल एग्रीमेंट
वर्तमान में भारत ने 23 देशों के साथ द्विपक्षीय एयर बबल एग्रीमेंट किया है. इनमें अफगानिस्तान, बहरीन, बांग्लादेश, भूटान, कनाडा, इथियोपिया, फ्रांस, जर्मनी, इराक, जापान, केन्या, कुवैत, मालदीव, नेपाल, नीदरलैंड, नाइजीरिया, ओमान, कतर, रवांडा, तंजानिया, यूक्रेन, यूएई और अमेरिका जैसे देश शामिल हैं.


केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने इस महीने की शुरुआत में ट्वीट करके बताया था कि "25 मई 2020 को घरेलू उड़ानों के फिर से शुरू होने के बाद से 2179 फ्लाइट्स में 2,73,845 यात्रियों ने सफर किया है. यह कोविड-19 के पहले की संख्या के करीब है."


ब्रिटेन में कोरोना का नया स्ट्रेन आने के बाद भी लगा था बैन
केंद्र ने ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन आने के बाद वहां की फ्लाइट्स पर भी बैन लगा दिया था. हालांकि इसे बाद में हटा लिया गया था. गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में कमी आई है और डेली के नए मामलों की संख्या 12 हजार तक पहुंच गई है. भारत ने कोरोना संक्रमण पर काफी हद तक काबू पाया है.


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