(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Haryana: नौकरियों में 75% आरक्षण पर फिलहाल रोक, पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से मांगी रिपोर्ट
Punjab And Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज स्थानीय लोगों के लिए निजी नौकरियों में हरियाणा के 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है.
Punjab And Haryana High Court: पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने आज स्थानीय लोगों के लिए निजी नौकरियों में हरियाणा के 75 प्रतिशत आरक्षण पर रोक लगा दी है. इस मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने राज्य सरकार से भी जवाब मांगा है.
Haryana Govt's 75% quota for locals in private jobs put on hold by Punjab and Haryana High Court pic.twitter.com/Opm6UvG7lj
— ANI (@ANI) February 3, 2022
पिछले साल जनवरी में लागू हुआ था कानून
गौरतलब है कि पिछले वर्ष जनवरी से हरियाणा में प्राइवेट नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए 75 फीसदी सीटें राज्य सरकार ने आरक्षित कर दी थीं. हरियाणा सरकार ने The Haryana State Employment of Local Candidates Act, 2020' पिछले साल पूरे हरियाणा में लागू कर दिया था. यह बिल निजी क्षेत्र की उन नौकरियों में स्थानीय लोगों के लिए कोटा का प्रावधान करता है, जिनमें मासिक वेतन 50,000 रुपए से कम हो. यह कोटा शुरूआत में 10 साल तक लागू रहेगा और हर दो साल में इसमें संशोधन किया जा सकेगा.
निजी कंपनियों पर था जुर्माने का प्रावधान
कानून के मुताबिक, इसका उल्लंघन करनी वाली कंपनियों को जुर्माना भी देना होगा. कंपनियों पर दस हजार से 50 हजार रुपए तक का जुर्माना लग सकता है. साथ ही ये जुर्माना दो लाख तक भी बढ़ाया जा सकता है. विधेयक के दायरे में राज्य में निजी कंपनियां, सोसाइटी, ट्रस्ट, साझेदारी फर्म आते हैं. विधेयक योग्य लोगों के उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में योग्य स्थानीय उम्मीदवारों के प्रशिक्षण का प्रावधान करता है. इस कोटे के तहत नौकरी प्राप्त करने के लिए किसी व्यक्ति का जन्म स्थान हरियाणा होना चाहिए या वह कम से कम 15 साल राज्य में रहा हो. स्थानीय उम्मीदवार रोजगार विधेयक 2020 पिछले साल विधानसभा से पारित हुआ था.
क्या कहता है प्रावधान?
- यह कानून 10 से ज्यादा कर्मिचारियों वाली फर्मों पर लागू होगा.
- निजी कंपनियों को तीन महीनों के अंदर सरकार के विशेष पोर्टल पर 50 हजार से कम वेतन वाले पदों की जानकारी देनी होगी.
- नौकरी कर रहे लोगों पर इस कानून का कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. कानून नई नौकरियों और खाली पदों पर लागू.
- कानून की पालना कराने वाले अधिकारी के खिलाफ नियोक्ता सरकरा से ही शिकायत कर सकेगा, कोर्ट से नहीं.
फिलहाल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने इस प्रावधान पर अभी रोक लगा दी है और राज्य सरकार को नोटिस जारी कर इस मामले पर जवाब मांगा है.
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