Delhi News: इस सीजन में दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण के कारण भारत सरकार के अन्तर्गत आने वाली संस्था CAQM ( सेंटर फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ) बार-बार ग्रैप 3 लागू कर रही है. बीते शुक्रवार को दिल्ली एनसीआर में एक बार फिर ग्रैप 3 लागू कर दिया गया है, जिसके कारण दिल्ली एनसीआर में फिर से निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लग गया है. 


 इस बात को लेकर रियल एस्टेट एवं कंस्ट्रक्शन व्यापार से जुड़े कारोबारियों ने चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री  ( सीटीआई ) से संपर्क किया है. सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि इस सीजन में बार बार लागू हो रहे ग्रैप 3 से निर्माणाधीन प्रोजेक्ट से जुड़े व्यापारी बहुत परेशान हैं. प्रोजेक्टों में देरी हो रही है, इसके अलावा लेबर और मजदूरों की रोजी रोटी पर भी इसका बड़ा असर पड़ता है.


सीटीआई ने की नियमों में रियायत की मांग


इसको लेकर सीटीआई ने CAQM के चेयरमैन एम कुट्टी को एक पत्र लिखा है. पत्र में सीटीआई ने ग्रैप के चलते डेटलाइन संबंधित नियमों में रियायत की मांग की है. सीटीआई ने कहा है कि ऐसा संभव नहीं है कि एक दिन में काम शुरू करें और फिर दो दिन बाद उसे बंद कर दें. इस बार 28 अक्टूबर को पहली बार निर्माण कार्यों पर रोक लगाई गई थी. उसके बाद से कई बार अचानक से ग्रैप को लागू कर दिया गया और अचानक से ग्रैप को हटा लिया गया. 


बीते शुक्रवार को फिर से ग्रैप 3 लागू कर दिया गया.  इसके कारण निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पाता है. एक बार निर्माण कार्यों पर रोक लगाने के बाद लेबर, मशीन ऑपरेटर सभी चले जाते हैं. इसके बाद निर्माण कार्य शुरू होने के बाद काम शुरू होने में 3 से 4 दिन का समय लग जाता है. सर्दियों में वैसे भी दिन छोटे होने के कारण काम के घंटे कम हो जाते हैं और अंधेरा भी जल्दी हो जाता है. रियल एस्टेट कारोबारियों का कहना है कि CAQM को ग्रैप 3 के अन्तर्गत निर्माण कार्यों को लेकर रियायत देनी चाहिए.


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