तिरुपति मंदिर में राजनीतिक भाषण देने पर लगा प्रतिबंध, उल्लंघन करने वालों पर होगी कार्रवाई
Tirupati Temple: तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब मंदिर परिसर में राजनीतिक भाषणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.
Tirupati Temple: टीटीडी ने तिरुमाला की पवित्रता और आध्यात्मिक शांति की रक्षा के लिए परिसर में राजनीतिक और नफरत फैलाने वाले भाषणों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है. टीटीडी ने अपने जारी बयान में इस बात की जानकारी दी है.
टीटीडी ने अपने बयान में कहा कि पवित्र तिरुमाला दिव्य मंदिर में हमेशा गोविंदा नाम से गूंजता रहता है, लेकिन हाल के दिनों में कुछ व्यक्ति और राजनीतिक नेताओं ने तिरुमाला मंदिर में दर्शन के बाद, मंदिर के सामने मीडिया के सामने राजनीतिक और घृणास्पद बयान देकर तिरुमाला में आध्यात्मिक माहौल को बिगाड़ दिया है. इस संदर्भ में, टीटीडी बोर्ड ने तिरुमला की पवित्रता की रक्षा के लिए वहां राजनीतिक और घृणा फैलाने वाले भाषणों पर प्रतिबंध लगाने का निर्णय लिया है.
टीटीडी द्वारा की जाएगी कानूनी कार्रवाई
टीटीडी ने सभी से अपने फैसले में सहयोग करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि उल्लंघन करने वालों के खिलाफ टीटीडी द्वारा कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. इससे पहले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम (टीटीडी) ने 19 नवंबर एक प्रस्ताव पारित कर आंध्र प्रदेश सरकार से मंदिर से सटे अलीपीरी क्षेत्र में मुमताज होटल को दी गई 20 एकड़ जमीन का आवंटन रद्द करने को कहा था.
गैर-हिंदुओं को लेनी होगी स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
19 नवंबर को हुई बैठक में टीटीडी बोर्ड ने एक और प्रस्ताव भी पारित किया था. इसके अनुसार बोर्ड द्वारा नियुक्त गैर-हिंदुओं को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेनी होगी या आंध्र प्रदेश में अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरण का विकल्प चुनना होगा.
एएनआई से बात करते हुए, टीटीडी के अध्यक्ष ने कहा था, "मैंने बोर्ड में प्रस्ताव रखा और बोर्ड ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार कर लिया है. हमने कुछ लोगों (टीटीडी में कर्मचारी) की पहचान की है, जो गैर-हिंदू हैं, मैं उन लोगों से व्यक्तिगत रूप से मिलना चाहता था और मैं उनसे वीआरएस लेने का अनुरोध करूंगा. यदि वे इच्छुक नहीं हैं, तो हम राजस्व या नगर पालिका या किसी निगम जैसे अन्य सरकारी विभागों में स्थानांतरित कर देंगे."