नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने आप सरकार और पुलिस को आदेश दिया कि वे राजधानी में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को प्रतिबंध करने की दिशा में उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी दें. हाईकोर्ट ने राजधानी में धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकर को बैन करने की एक याचिका पर ये आदेश दिया है.
एक्टिंग चीफ जस्टिस गीता मित्तल और जस्टिस सी हरि शंकर की पीठ ने दिल्ली पुलिस को यह भी आदेश दिया कि वे धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल के संबंध में अपने उस स्थायी आदेश को पेश करे जिसे जारी करने का दावा किया है.
पीठ ने राज्य सरकार और पुलिस को आदेश दिया कि वे सुनवाई की अगली तारीख 18 अप्रैल को एक शपथपत्र दायर करें जिसमें वे यह बताएं कि उन्होंने इस आदेश को लागू करने के लिए क्या कदम उठाए हैं. अदालत ने कहा कि प्रचार करना आवश्यक है क्योंकि लोगों को नियमों और इस आदेश का उल्लंघन करने के परिणामों का पता होना चाहिए.
अदालत ने संजीव कुमार की जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया. याचिका में कहा गया है कि लाउडस्पीकरों पर प्रतिबंध लगाने से संविधान के अनुच्छेद 25 या 26 (धर्म की स्वतंत्रता संबंधी अनुच्छेदों) का उल्लंघन नहीं होगा. याचिका में कहा गया है कि लाउडस्पीकर कभी किसी धर्म का हिस्सा नहीं रहे क्योंकि यह यंत्र 1924 में अस्तित्व में आया.
इसमें यह भी कहा गया है कि लाउडस्पीकर के इस्तेमाल से नागरिकों के एक दूसरे से बात करने, पढ़ने, सोचने या नींद लेने के अधिकार का हनन होता है. याचिका में धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकरों को हटाने का अनुरोध किया गया है. इसमें कहा गया है कि ये बच्चों एवं बुजुर्गों समेत नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन करते हैं.