भोपाल: मध्य प्रदेश में रेत खनन हमेशा से एक बड़ा सियासी मुद्दा रहा है. रेत खनन और क्रशर के संचालन को लेकर खाद्य मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर और महिला एवं बाल विकास मंत्री इमरती देवी आमने-सामने आ गए हैं. ये दोनों ही मंत्री कांग्रेस नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के करीबी हैं और इनके बीच अपने समर्थकों की 61 रेत खदानों और क्रशर को लेकर विवाद की स्थिति बनी हुई है. दोनों नेताओं के बीच तकरार के सार्वजनिक होने के बाद अब यह बात सीएम कमलनाथ तक भी पहुंच गई है.
अपने-अपने के समर्थकों की खदानें बंद कराने से नाराज हैं मंत्री
यह पूरा विवाद इमरती देवी के समर्थकों की डबरा क्षेत्र में संचालित खदानों के बंद होने के बाद शुरू हुआ. मंत्री तोमर ने उनके समर्थकों की छह खदानों को बंद कराया जिसके बाद इमरती देवी ने 9 दिसंबर को प्रद्युम्न सिंह और उनके समर्थकों के क्रशर और रेत खदानों की शिकायत कर उन्हें भी बंद करवा दिया. अब इमरती देवी ने सीएम कमलनाथ को पत्र लिखकर डबरा की छह खदानों को फिर से शुरू कराने की मांग की है. मंत्री इमरती देवी ने दावा किया कि जिन बातों के आधार पर उनकी खदानों को बंद कराया गया था उन्हें ठीक कर लिया गया है. क्षेत्र के जनप्रतिनिधि उनसे सवाल कर रहे हैं कि खदानें बेवजह क्यों बंद हैं, इसलिए इन खदानों को जल्द शुरू करना जरूरी है.
खदान शुरू कराने खनिज मंत्री ने दिए कलेक्टर को आदेश
मंत्रियों के बीच चल रहे विवाद के बीच खनिज विभाग को सबसे ज्यादा राजस्व वाला विभाग बताते हुए मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि आपसी तकरार की स्थिति में भी प्रदेश को राजस्व घाटा नहीं होना चाहिए. इसलिए तत्काल कलेक्टर को खदानें चालू कराने के आदेश दिए गए हैं. वही मंत्री प्रदीप जायसवाल ने कहा कि हमने नई नीतियां बनाकर राजस्व में और भी बढ़ोतरी की है.
आपसी लड़ाई के चलते विपक्ष के निशाने पर सरकार
मंत्री इमरती देवी ने अपनी चिट्ठी में तर्क दिया कि खदानों को जिन कमियों के आधार पर बंद किया गया था, अब उनकी पूर्ति कर दी गई है. वहीं खदानों को लेकर दोनों ही मंत्रियों के बीच चल रहा विवाद अब सार्वजनिक नजर आ रहा है. इसको लेकर विपक्ष को भी कांग्रेस पर निशाना साधने का मौका मिल गया है. बीजेपी विधायक विश्वास सारंग ने कहा कि मंत्रियों के बीच कबीलों की तरह लड़ाई चल रही है. सीएम कमलनाथ को इस भ्रष्टाचार पर नकेल कसनी चाहिए.
लड़ाई सार्वजनिक होने के बाद दोनों मंत्रियों ने दी सफाई
आपसी खींचतान के बाद मंत्री तोमर और इमरती देवी को सार्वजनिक तौर पर सफाई भी देनी पड़ रही है. दोनों ही मंत्री खनन और क्रशर से कोई सीधा नाता नहीं होने की बात कह रहे हैं. वहीं सरकार के कार्यकाल को महज एक साल पूरा हुआ है और मंत्रियों के बीच तकरार के मामले सामने आ रहे हैं. गौरतलब है कि प्रदेश में हमेशा से ही गुटबाजी को लेकर कांग्रेस, विपक्ष के निशाने पर रही है.
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