(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
BHU Holi Ban: 'इफ्तार पार्टी मंजूर, लेकिन होली मनाने पर रोक', विरोध के बाद यूनिवर्सिटी ने वापस लिया प्रतिबंध का आदेश
BHU में होली पर प्रतिबंध के फैसले का छात्रों-शिक्षकों और वीएचपी ने विरोध किया था. वीएचपी नेता विनोद बंसल ने कहा था कि विश्वविद्यालय ने सर्कुलर नहीं, तुगलकी फरमान जारी किया है.
BHU Holi Ban Notice Withdrawn: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने छात्रों, शिक्षकों और विश्व हिंदू परिषद (VHP) के विरोध के बाद परिसर के अंदर होली के उत्सव पर प्रतिबंध लगाने के अपने आदेश को वापस ले लिया है. बीएचयू के मुख्य प्रॉक्टर ने कहा, "होली मनाने के लिए सार्वजनिक स्थान पर एकत्रित होने के संबंध में 28 फरवरी 2023 को जारी आदेश को वापस लिया जा रहा है. सभी से उम्मीद की जाती है कि वो रंगों के इस त्योहार को सौहार्दपूर्ण वातावरण में गरिमा के साथ मनाएं."
28 फरवरी को बीएचयू के चीफ प्रॉक्टर ने एक नोटिस जारी किया था. नोटिस में कहा गया था कि विश्वविद्यालय परिसर में सार्वजनिक स्थान पर होली खेलना या संगीत बजाना प्रतिबंधित है और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वहीं, अब इस संबंध में नया नोटिस जारी किया गया है.
छात्रों, शिक्षकों और VHP ने किया विरोध
होली के त्योहार को सार्वजनिक रूप से मनाने पर लगाए गए प्रतिबंध का विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ-साथ शिक्षकों ने भी विरोध किया. विश्व हिंदू परिषद ने भी आदेश की निंदा की. वीएचपी के प्रवक्ता विनोद बंसल ने कहा कि विश्वविद्यालय ने रमजान के दौरान इफ्तार को मंजूरी दी थी, लेकिन अब होली के जश्न को प्रतिबंध किया जा रहा है.
'...जिहादी जामिया'
विनोद बंसल ने ट्विटर पर लिखा, "ये सर्कुलर है या तुगलकी फरमान? क्या काशी का हिंदू विश्वविद्यालय जिहादी जामिया की राह पर चलने लगा है? जिहादियों ने जामिया में होली का विरोध किया है. काशी और उसके शिक्षा मंदिर में संगीत बजाना पूरी तरह से प्रतिबंधित है? होली सिर्फ एक त्योहार नहीं है, यह दुनिया भर में सामाजिक सद्भाव का मंत्र भी है."
नए आदेश पर क्या बोले प्रॉक्टर?
इस बीच, विश्वविद्यालय परिसर में होली पर प्रतिबंध लगाने के आदेश को वापस लेने के बाद, बीएचयू के मुख्य प्रॉक्टर ने कहा कि परिसर में केवल तीन स्थान- अस्पताल, नया विश्वनाथ मंदिर और सड़कें सार्वजनिक स्थान हैं. होली मनाने पर रोक लगाने वाला पिछला आदेश सिर्फ इन्हीं तीन जगहों के लिए था. प्रॉक्टर ने कहा, "छात्र परिसर में होली खेल रहे हैं. इससे कोई समस्या नहीं है और अभी तक हमें किसी भी छात्र से कोई शिकायत नहीं मिली है. काशी की होली विश्व प्रसिद्ध है, इसलिए विश्वविद्यालय परिसर में होली नहीं होने की कल्पना नहीं की जा सकती है."
ये भी पढ़ें-