बांदा यौन शोषण केस: CBI ने इंजीनियर और उसकी पत्नी के खिलाफ चार्जशीट दाखिल किया, जानें- क्या हैं आरोप?
बांदा रेप केस में सीबीआई ने आरोपी इंजीनियर राम भवन और उसकी पत्नी के खिलाफ आरोपपत्र कोर्ट के सामने दाखिल किया है. सीबीआई ने आरोपपत्र में पॉस्को एक्ट के तहत विभिन्न धाराएं जोड़ी हैं जिनके तहत मौत की सजा तक का प्रावधान है.
नई दिल्ली: बांदा बाल यौन शोषण केस में सीबीआई ने आज आरोपी जूनियर इंजीनियर रामभवन और उसकी पत्नी के खिलाफ बांदा की विशेष सीबीआई अदालत के सामने आरोप पत्र दाखिल कर दिया. सीबीआई के मुताबिक, आरोपपत्र में पॉस्को एक्ट समेत विभिन्न आपराधिक धाराएं लगाई गई हैं और इन गंभीर धाराओं के चलते आरोपियों को आजीवन कारावास से लेकर मृत्यु दंड तक की सजा हो सकती है. आरोपी पति-पत्नी अभी न्यायिक हिरासत में जेल में है .
सीबीआई के प्रवक्ता आरसी जोशी के मुताबिक, बांदा यौन शोषण कांड में उत्तर प्रदेश जल विभाग का एक जूनियर इंजीनियर राम भवन जांच के दायरे में आया था और जब सीबीआई ने उसके ठिकानों पर छापेमारी की तो बाल यौन शोषण से संबंधित अनेक इलेक्ट्रॉनिक तथा दस्तावेजी साक्ष्य सीबीआई को बरामद हुए थे. साथ ही सीबीआई को 25 से ज्यादा बच्चों का भी पता चला था जिनका राम भवन यौन शोषण करता था. जांच के दौरान सीबीआई को पता चला कि राम भवन छोटे बच्चों को बहला-फुसलाकर कोई खिलौना या टॉफी दिलाने के नाम पर या फिर वीडियो गेम खिलाने के नाम पर अपने घर के अंदर ले जाता था जहां उसका यौन शोषण करता था. इन बच्चों में 4 साल से लेकर 22 साल तक के युवक भी शामिल थे. पत्नी करती थी मददसीबीआई के मुताबिक जांच के दौरान इस मामले में राम मोहन की पत्नी का नाम भी सामने आया और यह आरोप लगा कि राम भवन की पत्नी भी इस कुकर्म में राम भवन का साथ देती है. आरोप के मुताबिक, आरोपी इंजीनियर राम भवन इन बच्चों का यौन शोषण करता था और बच्चे जब विरोध करते थे या चिल्लाने लगते थे तो राम भवन की पत्नी घर का दरवाजा बाहर से बंद कर लेती थी.
जांच के दौरान यह खुलासा भी हुआ कि इन बच्चों को लाने में राम भवन की पत्नी की भी अहम भूमिका थी. जांच के दौरान सीबीआई को शक भी हुआ था कि रामभवन को एडस नाम की खतरनाक बीमारी भी हो सकती है. लिहाजा उसका मेडिकल परीक्षण दिल्ली के एम्स अस्पताल में लाकर कराया गया था. साथ ही जिन बच्चों का यौन शोषण हुआ था उनकी मेडिकल जांच के लिए एम्स की एक विशेष मेडिकल टीम बांदा भी गई थी. एम्स की 5 सदस्यीय विशेष मेडिकल टीम में महिला और पुरुष डॉक्टर भी शामिल थे .
सीबीआई सूत्रों के मुताबिक इस जांच के दौरान यह तथ्य भी सामने आया था कि आरोपी इंजीनियर ने कुछ बच्चों के साथ अनेकों बार कुकर्म किया था. सीबीआई ने इस बाबत कुछ बच्चों के बयान मजिस्ट्रेट के सामने भी कलम बंद कराए थे. सीबीआई सूत्रों के मुताबिक जांच के दौरान यह बात भी सामने आई थी कि आरोपी रामभवन बच्चों से हुए दुष्कर्म की वीडियो क्लिप अपने विदेशी मित्रों के साथ भी तथा डार्क नेट के जरिए सोशल मीडिया पर भी डालता था.
सीबीआई ने मामले की जांच के दौरान इस मामले में अनेक गंभीर धाराओं को बढ़ा दिया था और जिसके चलते अब इस मामले के आरोपियों को आजीवन कारावास से लेकर मृत्युदंड तक की सजा हो सकती है. सीबीआई के मुताबिक इस मामले की जांच अभी भी जारी है और जरूरत पड़ने पर पूरक आरोप पत्र भी कोर्ट के सामने पेश किया जा सकता है. सीबीआई के मुताबिक यह आरोप पत्र नियत समय अवधि के भीतर कोर्ट के सामने पेश किया गया है ऐसे में आरोपियों को जमानत मिलना मुश्किल हो जाता है.