मुंबई: मुंबई के बांद्रा की घटना पर अब पुलिस ने बयान दिया है. मुंबई पुलिस के पीआरओ डीसीपी प्रणय अशोक ने कहा कि आज करीब शाम चार बजे के आस पास करीब 1500 लोग बांद्रा रेलवे स्टेशन कैंपस के नजदीक इकट्ठा हो गए. इसमें से ज्यादातर प्रवासी मजदूर थे. वे लॉकडाउन के बढ़ने से नाखुश थे और अपने घर जाना चाहते थे. उन्होंने प्रशासन के सामने अपनी मांग रखी है.
इसके साथ ही डीसीपी ने कहा, ‘स्थानीय पुलिस अधिकारियों ने मौके पर जाकर उनसे बात की और उन्हें समझाने की कोशिश की. इस दौरान, भीड़ का एक हिस्सा हिंसक हो गया, इसलिए उन्हें नियंत्रण में लाने के लिए हल्के बल का इस्तेमाल करना पड़ा. भीड़ को तितर-बितर कर दिया गया. पुलिस की तैनाती गई है. स्थिति सामान्य और शांतिपूर्ण है.’’
राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने क्या कहा?
वहीं महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देखमुख ने एबीपी न्यूज़ के सहयोगी चैनल एबीपी मांझा को बताया, ‘‘हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था सरकार करेगी और स्थिति अब नियंत्रण में है.’’ उन्होंने कहा कि पुलिस ने उन्हें (प्रवासियों का) बता दिया है कि सीमाएं नहीं खुलेंगी और स्थिति अब नियंत्रण में है. मंत्री ने कहा कि प्रवासियों को यह आश्वासन दिये जाने के बाद कि उनके रहने-खाने की व्यवस्था राज्य करेगा, भीड़ अपने-आप हट गई.
अनिल देशमुख ने कहा कि बांद्रा स्टेशन के बाहर इकट्ठा हुए मजदूरों को आशा रही होगी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य की सीमाओं को खोलने का आदेश देंगे. उनहोंने कहा, ‘‘मुंबई में दूसरे राज्यों से आए लाखों लोग काम करते हैं. उन्होंने आशा की थी कि प्रधानमंत्री आज सीमाएं खोल देंगे। उन्हें लगा कि वे अपने गृह राज्य वापस जा सकेंगे.’’
राज्य के गृह मंत्री ने कहा, ‘‘लेकिन प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री (उद्धव ठाकरे) ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ाने का बहुत सही फैसला किया है. राज्यों की सीमाएं सील रहेंगी. महाराष्ट्र से दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी.’’
COVID-19: महाराष्ट्र सरकार सोती रही और इतनी तादाद में Bandra में भीड़ इकट्ठा होने कैसे दी गई?