न शिवाजी का सम्मान, न जन सुरक्षा का ध्यान...बांद्रा टर्मिनस भगदड़ पर राहुल गांधी ने मोदी सरकार को लपेटा, कह दी ये बात!
Bandra Railway Station Stampede: राहुल गांधी ने कहा कि पिछले साल जून में बालासोर हादसे में 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा देने की बजाय सरकार ने उन्हें कानूनी झंझटों में फंसा दिया.
Bandra Railway Station Stampede: मुंबई के बांद्रा रेलवे स्टेशन पर रविवार (27 अक्टूबर 2024) को भगदड़ मचने से कई लोग घायल हो गए. कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने इस घटना को भारत के ढहते हुए बुनियादी ढांचे का उदाहरण बताया है. उन्होंने इसके लिए केंद्र सरकार की नीतियों और सार्वजनिक संपत्ति की उपेक्षा को जिम्मेदार ठहराया है.
रविवार सुबह करीब 2:45 बजे बांद्रा रेलवे स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 1 पर भगदड़ मच गई, जब बिना आरक्षण वाली बांद्रा-गोरखपुर अंत्योदय एक्सप्रेस प्लेटफॉर्म की ओर आ रही थी. इस दौरान सैकड़ों यात्रियों ने ट्रेन में सवार होने की कोशिश की, जिससे भगदड़ मच गई. इस घटना में कम से कम दस लोग घायल हुए हैं, जबकि पश्चिम रेलवे का दावा है कि केवल दो लोग घायल हुए हैं. इनमें से एक व्यक्ति की हालत गंभीर बताई जा रही है.
राहुल गांधी ने क्या कहा?
राहुल गांधी ने इस घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "उद्घाटन और प्रचार तभी सार्थक होते हैं जब उनके पीछे जनता की सेवा के लिए एक ठोस आधार हो. जब लोगों की जानें जाती हैं और पुल, प्लेटफॉर्म या मूर्तियाँ उद्घाटन के कुछ ही महीनों बाद गिर जाती हैं, तो यह सार्वजनिक संपत्ति के रखरखाव की अनदेखी का गंभीर संकेत है."
उन्होंने बालासोर ट्रेन हादसे का उदाहरण देते हुए कहा, "पिछले साल जून में बालासोर हादसे में 300 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन पीड़ितों को मुआवजा देने की बजाय सरकार ने उन्हें कानूनी झंझटों में फंसा दिया. शिवाजी महाराज की मूर्ति भी नौ महीने में गिर गई, जिससे यह साफ हो गया कि यह सिर्फ प्रचार का मामला था."
'स्थानीय जरूरतों को पूरा करने वाला बुनियादी ढांचा जरूरी'
राहुल गांधी ने कहा कि देश को आज एक ऐसा बुनियादी ढांचा चाहिए, जो गरीबों की जरूरतों को पूरा करते हुए उनके व्यापार, यात्रा और सुरक्षा में सहूलियत दे. उन्होंने कहा कि भारत सक्षम है और उसे केवल एक "प्रभावी और पारदर्शी प्रणाली" की जरूरत है जो देश के भविष्य के निर्माण के लिए समर्पित हो.
ये भी पढ़ें: