Encroachment on Drainage Routes in Bangalore: कर्नाटक में भारी बारिश जमकर तबाही मचा रही है. बारिश ने राज्य में 90 साल का रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिया है. वहीं आईटी कैपिटल बेंगलुरु (Bangalore) में भारी बारिश की वजह से सड़कें तालाब बन चुकी हैं. कई निचले इलाकों में जल जमाव हो गया है और घरों में भी पानी घुस गया है. यूं कहिए कि आम जन जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया है. सड़कों पर भरे पानी की वजह से स्कूलों में छुट्टियां कर दी गई हैं और कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम करने को मजबूर हैं.


बता दें कि यहां 6 दिनों में 215 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई है यानी 30 दिन का कोटा पूरा हो चुका है. वहीं मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों के लिए भी बारिश का अलर्ट जारी किया है. ऐसे में लोग सड़कों पर पहले से भरे हुए पानी को लेकर चिंतित हो गए हैं क्योंकि अगर और बारिश होगी को हालात और ज्यादा खराब हो जाएंगे. वैसे बाढ़ जैसे हालात के लिए बारिश के अलावा ड्रेनेज वाले रास्तों पर बने 600 अतिक्रमण हैं.


जल निकासी मार्ग पर बने अतिक्रमणों पर कार्रवाई शुरू
बेंगलुरु महानगर पालिका ने भी पहली बार इन अतिक्रमणों की बात कुबूली है. बीबीएमपी आयुक्त गिरिनाथ तुषार का कहना है कि सड़को पर पानी निकलने के मार्ग पर बने अतिक्रमणों पर कार्रवाई शुरू कर दी गई है. उन्होंने बताया कि अब तक 64 अतिक्रमण ध्वस्त किए जा चुके हैं.


जल निकासी मार्ग पर बनी 600 इमारते होंगी ध्वस्त
बता दें कि बेंगलुरु में नेताओं और बिल्डरों की मिलीभगत से अतिक्रमण की शुरुआत हुई. यहां बीते दो दशक से आईटी उद्योग स्थापित करने और तमाम सुविधाओं का लोभ देकर ताबड़तोड़ अतिक्रमण हुए हैं. जिन जगहों से पानी की निकासी होती थी वहीं पर अब बड़ी-बड़ी इमारतें बन चुकी हैं. नीतजतन जरा सी बारिश होते ही सड़कें तालाब बन जाती हैं क्योंकि पानी को निकासी का रास्ता नहीं मिलता है और ऐसे में सड़कों पर जलजमाव हो जाता है. वहीं अब प्रशासन ने पानी निकलने के मार्गों पर बनी 600 इमारतों की पहचान की है. जल्द ही इन इमारतों पर महानगर पालिका का हथौड़ा चलेगा.


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