बांग्लादेश के साथ रिश्ते भले नाजुक दौर से गुजर रहे हैं, लेकिन भारत ने कभी भी उसके खिलाफ सख्त रवैया नहीं अपनाया है. चाहे खाद्य चीजों की आपूर्ति करनी हो या फिर बात बिजली की हो भारत सरकार हमेशा बांग्लादेश के साथ एक पड़ोसी के तौर पर खड़ा है. हालांकि, तख्तापलट के बाद बांग्लादेश का रवैया काफी बदल गया है और नई मोहम्मद यूनुस सरकार आए दिन भारत पर आरोप लगाती रहती है. इस सबके बावजूद भारत कभी भी मदद से पीछे नहीं हटा है. अब पता चला है कि बांग्लादेश पर भारत का 200 करोड़ रुपये बिजली बिल बकाया है, फिर भी भारत सरकार ने बांग्लादेश को बिजली की सप्लाई बंद नहीं की है और न ही इस पर विचार भी किया है.


इस सबके बावजूद बांग्लादेश सरकार ने भारत को लेकर तल्ख रवैया अपनाया हुआ है. बार-बार हिंदुओं पर हमले का मुद्दा उठाया गया, लेकिन बांग्लादेश सरकार ने उसे तवज्जों नहीं दी, बल्कि पाकिस्तान के साथ रिश्तों के सुधराने में जुट गया है. मदद भारत से ले रहे हैं और उसके ही दुश्मन के साथ रिश्ते सुधारने की कोशिशें चल रही हैं. हाल ही में मिस्त्र में हुए D-8 समिट में मोहम्मद यूनुस पाक पीएम शहबाज शरीफ से मिले. यहां दोनों नेताओं ने रिश्तों को बेहतर करने के लिए हाईलेवल मीटिंग भी की. 


त्रिपुरा बांग्लादेश को 60 से 70 मेगावाट बिजली की आपूर्ति करता है. एनटीपीसी विद्युत व्यापार निगम लिमिटेड के जरिए त्रिपुरा स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कॉर्पोरेशन लिमिटेड और बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड के बीच एक एग्रीमेंट हुआ है, जिसके तहत त्रिपुरा से बांग्लादेश को बिजली की आपूर्ति की जाती है.


त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक साहा ने सोमवार (23 दिसंबर, 2024) को बताया कि बांग्लादेश ने भारत को बिजली आपूर्ति के लिए करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है और बकाया राशि हर दिन बढ़ रही है. बांग्लादेश को बिजली आपूर्ति बाधित होने से बचने के लिए बकाया जल्द से जल्द लौटाना होगा. मुख्यमंत्री साहा ने कहा कि उन्हें लगता है कि बांग्लादेश जल्दी ही बकाया भरेगा ताकि बिजली आपूर्ति बाधित न हो.


माणिक साहा से पूछा गया कि क्या बकाया बिल न दिए जाने के चलते बांग्लादेश में बिजली की आपूर्ति को रोकने के लिए कोई कदम उठाया गया है. उन्होंने कहा कि अभी तक इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है. उन्होंने कहा कि त्रिपुरा में बिजली उत्पादन संयंत्र की स्थापना के लिए कई मशीनरी बांग्लादेश क्षेत्र या चटगांव के जरिए लाए गए थे इसलिए कृतज्ञता के कारण त्रिपुरा सरकार ने समझौते के बाद बिजली की आपूर्ति शुरू कर दी. सीएम माणिक साहा ने आगे कहा कि ये नहीं पता कि कब तक सरकार बांग्लादेश में बिजली की सप्लाई जारी रखेगी.    


मार्च, 2016 से त्रिपुरा बांग्लादेश को इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई कर रहा है. त्रिपुरा में ओएनजीसी त्रिपुरा पावर (OTPC) में बिजली उत्पन्न की जाती है. रिपोर्ट्स के अनुसार अडानी पावर से बांग्लादेश को 1400-1500 मेगावाट तक पावर सप्लाई होती थी, लेकिन अगस्त में 800 मिलियन डॉलर यानी 680 करोड़ रुपये का बिजली बिल न दिए जाने के बाद आपूर्ति कम करके 529 मेगावाट कर दी गई. अडानी पावर के झारखंड में गोड्डा प्लांट से बांग्लादेश को बिजली सप्लाई की जाती है.


 


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