Bangladesh Criris News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले हर गुजरते दिन के साथ बढ़ते जा रहे हैं. इसी कड़ी में शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने भारतीय संसद को चिट्ठी लिखी है. भारतीय संसद को लिखे पत्र में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों पर चिंता जाहिर की और कहा कि इस संबंध में संसद में एक प्रस्ताव पारित किया जाना चाहिए. 


संसद से गुजारिश की गई है कि प्रस्ताव पारित कर बांग्लादेश में हिंदुओं पर हमले को रोका जाए और अपराधियों को जल्द ही पकड़ा जाए. कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा ने दुनियाभर के लोगों का इस हिंसा की तरफ ध्यान खींचा है. 


'25 लाख हिंदुओं की हत्या हुई'


लेटर में कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय ने उत्पीड़न को लगातार झेला है. लिखा गया, 'बांग्लादेश के गठन से पहले यानि कि 1971 से पहले पाकिस्तानी शानस ने 25 लाख हिंदुओं को मौत के घाट उतारा. कई खबरें बताती हैं कि 2013 से बांग्लादेश में हिंदुओं पर 3600 से ज्यादा हमले किए गए हैं.'


पत्र लिखने वालों में कौन हैं शामिल?


भारतीय संसद (Indian Parliament) को पत्र लिखने वालों में लेखक अमीश त्रिपाठी, अश्विन सांघी, दुष्यंत श्रीधर, हिंडोल सेनगुप्ता, स्मिता बरुआ, न्यूरोसर्जन डॉ. एके सिंह और सुमेधा वर्मा ओझा भी शामिल हैं. बता दें कि बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद से ही लगातार हिंदुओं पर हमले और उनके खिलाफ हिंसा की खबरें आ रही हैं. 


पूजा स्थलों पर हो रही आगजनी


इस पत्र में कहा गया कि बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी लगातार धार्मिक स्थलों को निशाना बना रहे हैं. पूजा स्थलों में भी आगजनी की जा रही है. कहा गया कि वहां अंतरिम सरकार के गठन के बावजूद हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. भारत के साधु-संत भी इस मुद्दे पर लगातार अपनी आवाज उठा रहे हैं. 


वीडियो का भी किया जिक्र


शिक्षाविदों और इतिहासकारों ने इस ओपन लेटर में सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो और तस्वीरों का भी जिक्र किया. कहा गया कि हाल के दिनों में बांग्लादेश से कई परेशान करने वाले दृश्य सामने आए हैं जिसमें इस्कॉन मंदिर को जलाया जाना भी शामिल है. मंदिरों में तोड़फोड़ और हिंदुओं की लिंचिंग का जश्न मनाते हुए भी वीडियो सामने आए हैं.


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