'शॉर्ट नोटिस पर शेख हसीना ने मांगी भारत आने की इजाजत', राज्यसभा में बांग्लादेश पर और क्या बोले एस जयशंकर?
Bangladesh Crisis: बांग्लादेश की स्थिति पर विदेश मंत्री ने बताया कि स्थिति सामान्य होने तक सरकार ढाका में अधिकारियों के संपर्क में है. साथ ही उन्होंने बताया कि 19,000 भारतीय अभी भी वहां फंसे हुए हैं.
Bangladesh Crisis News: भारत का पड़ोसी मुल्क बांग्लादेश राजनीतिक संकट से जूझ रहा है. बिगड़े हालातों को लेकर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने राज्यसभा में बोलते हुए मंगलवार (06 अगस्त) को कहा कि पूर्व पीएम शेख हसीना ने बहुत ही कम समय में भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. विदेश मंत्री ने बताया कि हमें उसी समय बांग्लादेश के अधिकारियों से उड़ान की मंजूरी के लिए अनुरोध मिला. जिसके बाद वह कल शाम यानि कि सोमवार (5 अगस्त) को दिल्ली पहुंचीं.
एस जयशंकर ने राज्यसभा में कहा कि बांग्लादेश के हालात पर भारत सरकार नजर रखे हुए है. उन्होंने कहा कि बहुत कम समय में शेख हसीना ने कल कुछ वक्त के लिए भारत आने की अनुमति मांगी थी और उनका अनुरोध स्वीकार कर उन्हें यहां आने की अनुमति दी गई. इसके साथ ही भारत बांग्लादेश के अधिकारियों के साथ लगातार संपर्क में है.
भारत सरकार पिछले 24 घंटे से ढाका के संपर्क में
एस जयशंकर ने आगे कहा, "पिछले 24 घंटों में, हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में हैं. अभी यही स्थिति है. मैं एक महत्वपूर्ण पड़ोसी के बारे में संवेदनशील मुद्दों के संबंध में सदन की समझ और समर्थन की मांग करता हूं, जिस पर हमेशा एक मजबूत राष्ट्रीय सहमति रही है." जयशंकर ने यह भी कहा कि सरकार पड़ोसी देश में अल्पसंख्यकों के मामले में स्थिति पर नजर रख रही है. स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हसीना के जाने के बाद हुई हिंसा में हिंदू मंदिरों पर हमला किया गया और तोड़फोड़ की गई है.
'BSF को चौकसी बढ़ाने और अलर्ट रहने के दिए निर्देश'
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये भी बताया कि कुछ ग्रुप और संगठन सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए निगरानी कर रहे हैं. हम इसका स्वागत करते हैं, लेकिन स्वाभाविक रूप से कानून और व्यवस्था बहाल होने तक हम बेहद चिंतित रहेंगे. उन्होंने आगे कहा कि सीमा सुरक्षा बलों को भी इस हालात के मद्देनजर सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है.
करीब 19 हजार भारतीय बांग्लादेश में फंसे- एस जयशंकर
राज्य सभा को संबोधित करते हुए मंत्री ने कहा, " अनुमान है कि वहां 19,000 भारतीय नागरिक फंसे हुए हैं, जिनमें से लगभग 9,000 भारतीय छात्र हैं. हालांकि, इनमें से कई छात्र जुलाई में आ गए थे. हम अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति पर नजर रख रहे हैं."
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