Sheikh Hasina Security in India: सोमवार, 5 अगस्त को बांग्लादेश में हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन और हत्याओं के बीच शेख हसीना को प्रधानमंत्री के पद से इस्तीफा देकर देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. बांग्लादेश छोड़ने के बाद पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना भारत पहुंची. 5 अगस्त शाम 6 बजे वह दिल्ली से सटे गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस पर ठहरी हुई हैं. भारत पहुंचने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात भी की. 


राज्यसभा में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बताया कि शेख हसीना ने शॉर्ट नोटिस पर भारत आने की इजाजत मांगी थी और वह कुछ समय के लिए भारत में रुकी हुई हैं. शेख हसीना के भविष्य की योजनाएं अभी अस्पष्ट हैं. इस दौरान वह हिंडन एयरबेस पर वायु सेना की गरुण कमांडो की सुरक्षा घेरे में हैं. 


एशिया के सबसे सुरक्षित एयरबेस पर हसीना को सुरक्षा


हिंडन एयरबेस पर सबसे ज्यादा सुरक्षा रहती है. एशिया का सबसे बड़ा एयरबेस हिंडन ही है और यहां पर जैसी सुरक्षा रहती है, वैसे कही और नहीं. इसके ऊपर भारतीय वायुसेना का हिंडन एयरबेस पर पूरा कंट्रोल है, ऐसे में यहां पर हर तरह की स्थिति से निपटा जा सकता है.


गरुण कमांडो की क्या हैं खूबियां?


भारत उतरने के साथ ही हिंडन एयरबेस के कमांडर ने शेख हसीना का स्वागत किया. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक उनके लिए रेड कार्पेट बिछाया गया था. हिंडन पहुंचते ही हसीना की सुरक्षा का जिम्मा गरुण कमांडो को दे दी गई. 


गरुण कमांडो फोर्स का गठन साल 2004 में किया गया था. इस फोर्स की ट्रेनिंग काफी जटिल होती है. गरुण कमांडो फोर्स एयरबोर्न ऑपरेशन, एयरफील्ड सीजर और काउंटर टेररिज्म जैसे हालातों से निपटने में महारत हासिल है.


गरुड़ कमांडो फोर्स की ट्रेनिंग कठोर और लंबी है. 72 सप्ताह का बुनियादी ट्रेनिंग इसे सबसे लंबा और सबसे कठिन बनाती है. गरुड़ फोर्स के पास Tavor टीएआर -21 असॉल्ट राइफल, ग्लॉक 17 और 19 पिस्टल, क्लोज क्वॉर्टर बैटल के लिए हेक्लर ऐंड कॉच MP5 सब मशीनगन, AKM असॉल्ट राइफल, एक तरह की एके-47 और शक्तिशाली कोल्ट एम-4 कार्बाइन इनके हथ‍ियारों में शामिल हैं. इसके अलावा ये अत्याधिक एडवांस्ड हथियार से लैस होते हैं.


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