Bangladesh Political Crisis: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस वहां की अंतरिम सरकार के प्रमुख बनाए जा चुके हैं. केंद्र सरकार ने भारत-बांग्लादेश बॉर्डर पर सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया हुआ है. बांग्लादेश में राजनीतिक संकट और हिंसा के बीच पड़ोसी देश से बड़ी संख्या में लोग भारत-बांग्लादेश सीमा पर जमा हो गए हैं. बीएसएफ ने उन्हें जीरो प्वाइंट पर रोक लिया है.


सुबह से बॉर्डर पर जमा हैं लोग


भारत-बांग्लादेश सीमा पर कूच बिहार जिले के सीतलकुची इलाके में ये लोग जुटे हैं. न्यूज एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक कूच बिहार के सीतलकुची के एक स्थानीय निवासी ने बताया, "बांग्लादेश के कुछ लोग शुक्रवार को सुबह 9 बजे के आसपास सीमा पर जमा हो गए. उनमें से कई अभी भी वहीं हैं." 


बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मोहम्मद यूनुस (84 वर्ष) को पद की शपथ दिलाई. मो. यूनुस की सहायता के लिए 16 सदस्यीय सलाहकार परिषद की घोषणा की गई, जिसमें छात्र आंदोलन के दो प्रमुख आयोजक मोहम्मद नाहिद इस्लाम और आसिफ महमूद भी शामिल हैं.


बांग्लादेश में शेख हसीना के पीएम पद से इस्तीफा देने और देश छोड़ने के बाद से वहां हिंसक प्रदर्शन होने लगे. उपद्रवियों ने देश में कई जगह आगजनी तो कई सांस्कृति संस्थानों को तहस नहस कर दिया. इस दौरान हिंदुओं पर के घर जलाने मंदिर में तोड़फोड़ की खबरें भी सामने आई थी, जिस पर दुनिया भर के अखबारों ने रिपोर्ट भी दी थी. 






शपथ लेने से पहले मोहम्मद यूनुस ने किया था वादा


मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने से पहले एक ऐसी सरकार देने का वादा किया था, जो अपने नागरिकों को सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. उन्होंने बांग्लादेश के पुनर्निर्माण में उनकी मदद करने का भी आग्रह किया. मोहम्मद यूनुस ने शपथ लेने से पहले कहा था कि उनका पहला कार्य अराजक गतिविधियों और अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों को नियंत्रित करते हुए कानून-व्यवस्था को बहाल करना होगा. उन्होंने इन घटनाओं को एक साजिश का हिस्सा बताया. बांग्लादेश में पैदा हुई राजनीति हलचल पर भारत शुरू से नजर बनाए हुए है.


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