अगरतलाः बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (बीजीबी) पिछले छह दिन से त्रिपुरा में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा क्षेत्र में फंसे अपने 12 नागरिकों की पहचान सत्यापन में देरी कर रहा है. बीएसएफ के त्रिपुरा फ्रंटियर ने अगरतला में एक बयान जारी करके कहा कि राज्य के सिपाहीजाला जिले में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास फंसे हुए बांग्लादेशियों के बारे में अहम जानकारियां उपलब्ध कराने के बावजूद बीजीबी ने सकारात्मक जवाब नहीं दिया.
बीएसएफ ने अंतरराष्ट्रीय सीमा के समीप 11 जुलाई को गश्त के दौरान बांग्लादेश की चार महिलाओं, एक पुरूष और सात बच्चों को पकड़ा था.
बीजीबी को दे चुके दस्तावेज
बीएसएफ ने कहा कि 14 जुलाई को बटालियन कमांडर स्तर की बैठक के बाद उसने जरूरी दस्तावेज सौंपे थे जिससे इन 12 फंसे हुए बांग्लादेशियों की पहचान साबित होती है. उसने कहा कि ये दस्तावेज, उनके फोटो, घर का पता, पारिवारिक वंशावली, सीडी हैं. इस सीडी में फंसी हुई कुलसुम बीवी और बांग्लादेश में रह रहे उसके बेटे के बीच बातचीत दर्ज है.
नागिरकों को तुरंत लेने का है नियम
बीएसफ ने कहा, ‘‘ लेकिन, अब तक बीजीबी ने कुछ सकारात्मक नतीजे वाला जवाब नहीं दिया. बीएसएफ और बीजीबी के बीच आपसी समझ के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा पर पकड़े जाने वाली महिलाओं और बच्चों को राष्ट्रीयता के सत्यापन के बाद संबंधित बल द्वारा तुरंत सौंपना होता है और दूसरा उन्हें लेता है और उन्हें मानव तस्करी का शिकार मानता है.’’
बीएसएफ ने कहा, ‘‘लेकिन बांग्लादेश के अधिकारी कमांडेंट स्तर की फ्लैग मीटिंग के दौरान सबूत दिये जाने के बाद भी देरी कर रहे हैं.’’
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