Bangladesh: बांग्लादेश ने बांग्ला भाषा को संयुक्त राष्ट्र में आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग की है. भारत में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान ने मंगलवार (21 फरवरी) को कहा कि 21 फरवरी बांग्लादेश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है और 1999 से इसे अंतराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के रूप में मान्यता दी गई है. यह हमारी स्वतंत्रता के बारे में बताता है.


उन्होंने एनएनआई से कहा, "अगर हम बांग्ला बोलने वाले लोगों की संख्या पर विचार करें, तो मुझे लगता है कि यह दुनिया में बोली जाने वाली शीर्ष छह या सात भाषाओं में से एक होगी, इसलिए हम बांग्ला को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा बनाने के लिए मांग करेंगे. हालांकि, इसमें जटिलताएं शामिल हैं और यह एक लंबी प्रक्रिया है."


क्या है अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस?


यूनेस्को के अनुसार, अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस मनाने का विचार बांग्लादेश की पहल थी. इसे 1999 के यूनेस्को आम सम्मेलन में अनुमोदित किया गया था और 2000 से पूरी दुनिया में मनाया जा रहा है. बता दें कि यूनेस्को सांस्कृतिक और भाषाई विविधता के महत्व में विश्वास करता है. अपने एक बयान में यूनेस्को ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस का 24वां संस्करण 'बहुभाषी शिक्षा - शिक्षा को बदलने की आवश्यकता' विषय पर केंद्रित होगा.


मंत्री ने भी की यही मांग


बांग्लादेश के एक वरिष्ठ मंत्री ने भी बांग्ला भाषा को संयुक्त राष्ट्र की आधिकारिक भाषा का दर्जा देने की मांग की है. सत्ताधारी अवामी लीग के महासचिव और वरिष्ठ मंत्री ओबैदुल कादेर ने कहा, "हम एक बार फिर मांग कर रहे हैं कि बांग्ला को संयुक्त राष्ट्र की एक आधिकारिक भाषा का दर्जा दिया जाए." बता दें कि संयुक्त राष्ट्र ने छह भाषाओं को आधिकारिक भाषा का दर्ज दिया है जिनमें अंग्रेजी, फ्रेंच, स्पेनिश, चीनी, रूसी और अरबी शामिल हैं.


पिछले साल संयुक्त राष्ट्र महासभा के 76वें सत्र के दौरान भारत प्रायोजित एक प्रस्ताव पर बांग्ला, हिंदी और उर्दू को गैर आधिकारिक भाषा के रूप में अपनाया गया. बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजिबुर्रहमान ने 25 सितंबर, 1974 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में बांग्ला भाषा में ऐतिहासिक भाषण दिया था. 


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