इस्कॉन (अंतरराष्ट्रीय कृष्णभावनामृत संघ) कोलकाता के प्रवक्ता राधारमण दास ने मंगलवार (3 दिसंबर, 2024) को बताया कि हिंदुओं को तिलक और भगवा वस्त्र पहनकर बाहर न निकलने की सलाह दी है. उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को निशाना बनाकर किए जा रहे हमलों के कारण सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए यह सलाह दी है.
बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद से हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा के मामले बढ़ गए हैं. इस्कॉन कोलकाता के उपाध्यक्ष राधारमण दास ने न्यूज एजेंसी पीटीआई से कहा, 'बांग्लादेश में स्थिति चिंताजनक है. जो साधु और भक्त हमें फोन कर रहे हैं, हमने उनसे कहा है कि वे इस्कॉन अनुयायी या साधु के रूप में अपनी पहचान सार्वजनिक न करें. हमने उनसे घरों या मंदिरों के अंदर ही अपने धर्म का पालन करने को कहा है. हमने उन्हें सलाह दी है कि वे ऐसे कपड़े पहनें जिनसे अन्य लोगों का ध्यान आकर्षित न हो.'
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह उपाय अस्थायी है और इसका उद्देश्य केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करना है. राधारमण दास ने कहा, 'यह कोई सलाह या सामान्य दिशा-निर्देश नहीं है, बल्कि यह उन साधुओं और भक्तों के लिए मेरा निजी सुझाव है जो पिछले कुछ दिनों से हमें लगातार फोन कर रहे हैं.' राधारमण दास ने मंदिरों में तोड़फोड़ और धार्मिक समारोहों पर हमलों की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा, 'हमारे कई भक्तों और उनके परिवारों को धमकियां मिली हैं या उन्हें डराया-धमकाया गया है.'
बांग्लादेश सम्मिलित सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण को ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर उस समय गिरफ्तार कर लिया गया था, जब वह एक रैली में भाग लेने के लिए चटगांव जा रहे थे. बांग्लादेश की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार करते हुए जेल भेज दिया था. राधारमण दास ने दावा किया कि चिन्मय कृष्ण दास का बचाव कर रहे वकील रमन रॉय पर बांग्लादेश में उनके घर पर इस्लामवादियों के एक समूह ने हमला किया.
उन्होंने कहा कि रमन रॉय पर हमले के बाद चिन्मय कृष्ण दास का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई और वकील सुरक्षा चिंताओं के कारण आगे नहीं आया है. उन्होंने कहा, 'हम बांग्लादेश सरकार से अनुरोध करेंगे कि जो वकील मामले में चिन्मय कृष्ण दास की पैरवी करने के लिए तैयार हो उसे पर्याप्त सुरक्षा प्रदान की जाए.'
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