Bangladesh: क्या है 'बांग्लिस्तान प्लान', जिसे लेकर बढ़ सकती है भारत की टेंशन? कट्टरपंथियों के मंसूबे से हर कोई परेशान
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में अंतरिम सरकार ने कमान संभाल ली है. इस वक्त देश में अस्थिरता का माहौल है, जिसे खत्म करना सरकार की प्राथमिकता है. मगर सरकार में कुछ कट्टरपंथियों को भी जगह मिल गई है.
Bangladesh News: बांग्लादेश में शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद से दो कट्टरवादी संगठन काफी ज्यादा खुश हैं. इसमें एक जमात-ए-इस्लामी है और दूसरा हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन दिनों ये दोनों संगठन नया बांग्लिस्तान बनाने का प्लान तैयार कर रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसकी कुछ तस्वीरें भी वायरल हुई हैं. इसमें भारत के पश्चिम बंगाल, झारखंड, बिहार और म्यांमार तक का हिस्सा शामिल हैं.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों को इस संबंध में इनपुट भी मिले हैं. दोनों कट्टरवादी संगठनों की चाहत बांग्लिस्तान बनाकर वहां शरिया कानून लागू करना है. इस दावे को इसलिए भी बल मिल रहा है, क्योंकि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार में धार्मिक मामलों के मंत्री की जिम्मेदारी अबुल फैयाज खालिद हुसैन को मिली है. खालिद हुसैन की पहचान एक कट्टरवादी मौलाना के तौर पर होती है. अब वह इस एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है.
Greater Bangladesh 😂 pic.twitter.com/T1cMbCdkfW
— Niks (@niks_1985) August 11, 2024
बांग्लिस्तान को ग्रेटर बांग्लादेश का नाम दिया गया
खालिद हुसैन कट्टरवादी संगठन हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश से जुड़ा हुआ है. ये संगठन कई मौकों पर कट्टरपंथी गतिविधियों में लिप्त पाया गया है. हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश का इरादा एशिया में दूसरा अफगानिस्तान तैयार करना है. मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया है कि बांग्लिस्तान के इस एजेंडे को ग्रेटर बांग्लादेश का नाम मिला है. दोनों संगठन बांग्लादेश में हिंसा फैलाने और भारत विरोधी एजेंडे के लिए जाने जाते हैं.
बांग्लादेश में अस्थिरता का फायदा उठाकर खालिद हुसैन अपने एक खतरनाक मंसूबे को भी साधना चाहता है. खालिद अब धार्मिक मामलों का मंत्री बन चुका है और वह अंतरिम सरकार पर दबाव बना रहा है कि उसके कैडर के लोगों को जेल से रिहा करवाया जाए. बता दें कि चिटगांग में हिफाजत-ए-इस्लाम बांग्लादेश का प्रमुख केंद्र मौजूद है.
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