‘पीएम मोदी का मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं’, मालदीव विवाद पर भारत के समर्थन में उतरा बांग्लादेश, अब्दुल मोमेन कही बड़ी बात
India Maldives Row: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी करने के बाद मालदीव और भारत के रिश्ते में जबरदस्त कड़वाहट देखने को मिल रही है.
Bangladesh Reaction On Maldives Row: भारत और मालदीव के रिश्ते इन दिनों खटाई में पड़े हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर गलत बयानबाजी करके घटनों पर आए मालदीव को अब हर तरफ से फजीहत झेलनी पड़ रही है. इसी क्रम में बांग्लादेश के विदेश मंत्री डॉ. एके अब्दुल मोमेन भी मालदीव की खरी-खरी सुनाई और कहा कि पीएम मोदी का मजाक उड़ाना बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में उन्होंने कहा, “वो लोग भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मजाक उड़ाने की कोशिश कर रहे हैं, ये बर्दाश्त नहीं है. मुझे लगता है कि ये उनके मूल्यों की गिरावट को दर्शाता है क्योंकि जिनका वो मजाक उड़ा रहे हैं वो प्रमुख चेहरे हैं और हमें उन्हें सम्मान देना चाहिए न कि उनका मजाक उड़ाना चाहिए. मुझे लगता है कि ये किसी भी व्यक्ति के लिए अपमानजनक है. मुझे इस मामले की ज्यादा डिटेल नहीं पता लेकिन इतना पता है कि वो लोग पीएम मोदी का मजाक उड़ाने कोशिश कर रहे थे. ये स्वीकार योग्य नहीं है.”
उन्होंने आगे कहा, “हम इसकी निंदा करते हैं और हम नहीं चाहते कि किसी बड़े नेता का इस तरह अपमान किया जाए.”
शेख हसीना ने भी किया भारत का समर्थन
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत का समर्थन करते हुए कहा, “भारत हमारा भरोसेमंद दोस्त है. उसने हमेशा हमारा समर्थन किया है. उसने लिब्रेशन आंदोलन के दौरान भी हमारा साथ दिया था. जब हमने अपना पूरा परिवार खो दिया था तो उन्होंने हमें आश्रय दिया. हमारी शुभकामनाएं भारत के लोगों के साथ हैं.”
मालदीव के विपक्षी दल ने भी मोहम्मद मुइज्जू सरकार की आलोचना करते हुए पीएम मोदी से माफी मांगने की मांग की. मालदीव की सांसद ईवा अब्दुल्ला ने कहा कि सरकार ने अपने मंत्रियों की टिप्पणियों से खुद को अलग करके मंत्रियों का निलंबित कर दिया है. लेकिन मालदीव की सरकार को भारत के लोगों से औपचारिक रूप से माफी मांगनी चाहिए.
उन्होंने आगे कहा, “टिप्पणियां बेहद शर्मनाक, नस्लवादी और बर्दाश्त के बाहर हैं. मंत्रियों के शब्द मालदीव के लोगों की राय से बिल्कुल अलग हैं. हम अच्छी तरह से जानते हैं कि मालदीव भारत पर कितना निर्भर है. जब भी हमें जरूरत पड़ी है, भारत हमेशा सबसे आगे रहा है.”
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