Bangladesh Durga Puja: बांग्लादेश से दुर्गा पूजा पंडालों और मूर्तियों पर हमलों की कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछले 24 घंटों में देश के विभिन्न हिस्सों में दुर्गा प्रतिमाओं के साथ तोड़फोड़ की कम से कम तीन घटनाएं सामने आई हैं. घटना बुधवार शाम कोमिला के नानुआ दिघी में हुई, जिसमें एक दुर्गा पूजा पंडाल पर भीड़ ने हमला किया था. देवी दुर्गा के चरणों में पवित्र कुरान की एक प्रति रखे जाने की खबरों पर भीड़ के उग्र होने के बाद मूर्ति को कथित तौर पर एक तालाब में फेंक दिया गया था.


इस बीच विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि बांग्लादेश में दुर्गा पूजा पंडालों पर हुए हमलों की कुछ घटनाओं पर हम बांग्लादेश सरकार के साथ सम्पर्क हैं. बांग्लादेश सरकार ने कार्रवाई की है. बांग्लादेश सरकार और जनता का भी दुर्गापूजा को समर्थन है.


खबरों के मुताबिक, दुर्गा प्रतिमा को तोड़ने के लिए भगदड़ मचाने वाली गुस्साई भीड़ को पुलिस काबू नहीं कर पाई और मूर्ति को एक तालाब में फेंक दिया. पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि मां दुर्गा की मूर्तियों को तोड़ना सनातनी बंगाली समुदाय पर एक सुनियोजित हमला है.


शुभेंदु अधिकारी ने ट्वीट किया, "बांग्लादेश में कमिला जिले, कॉक्स बाजार और नोआखली में मंदिरों और दुर्गा पूजा पंडालों में तोड़फोड़ करना, सोशल मीडिया के माध्यम से फैली "षड्यंत्रकारी अफवाहों" के बाद निराशाजनक है. अपनी मर्जी से मां दुर्गा की मूर्तियों का अपमान करना सनातनी बंगाली समुदाय पर एक सुनियोजित हमला है." इसके साथ ही उन्होंने इस मामले पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है.






बांग्लादेश के इतिहास में एक निंदनीय दिन- हिंदू एकता परिषद


घटना की तस्वीरें बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद की तरफ से भी साझा की गईं, जिसमें कहा गया था, "पूजो हो गया... से: कोमिला ननुयार दिघी पूजा मंडप. हम 2021 की दुर्गा पूजा को कभी नहीं भूलेंगे. माँ दुर्गा आप सभी का भला करें." एक ट्विटर यूजर के सवाल के जवाब में कि दुर्गा अष्टमी में मूर्तियों को क्यों विसर्जित किया गया, परिषद ने जवाब दिया, "टूटी हुई मूर्तियों की पूजा नहीं की जा सकती."


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