'ISIS और तालिबान की तरह...', बांग्लादेश हिंसा पर RSS नेता इंद्रेश कुमार ने विपक्ष की चुप्पी पर उठाए सवाल
संघ नेता इंद्रेश कुमार ने कहा, "बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे हमलों पर विपक्ष की चुप्पी बेहद शर्मनाक है. यह ऐसा मौका है, सबको जाति, मजहब, समुदाय, दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए."
RSS On Bangladesh: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ नेता और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा है कि जिस तरह से बांग्लादेश में महिलाओं पर अत्याचार हो रहा है, वह तालिबान और आईएसआईएस जैसे आतंकी संगठनों की बर्बरता की याद दिलाता है. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या बांग्लादेश भी तालिबान के रास्ते पर जा रहा है?
उन्होंने बांग्लादेश सरकार से सख्त कदम उठाने की अपील की और कहा कि इस तरह की घटनाएं मानवता के खिलाफ हैं और इन्हें बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए. मुस्लिम राष्ट्रीय मंच की नई दिल्ली के हरियाणा भवन में हुई बैठक में इंद्रेश कुमार ने बांग्लादेश में हिंदुओं और बौद्धों समेत सभी अल्पसंख्यकों पर हो रही बर्बरता की निंदा करते हुए विपक्ष की चुप्पी पर भी सवाल उठाए.
विपक्ष के नेताओं से सवाल
इंद्रेश कुमार ने कहा कि क्या विपक्षी दलों के नेताओं राहुल गांधी, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, एमके. स्टालिन और ममता बनर्जी को बांग्लादेश में हो रहे अत्याचार दिखाई नहीं दे रहे?
संघ नेता ने कहा कि बांग्लादेश में महिलाओं पर हो रहे हमलों पर विपक्ष की चुप्पी बेहद शर्मनाक और आपत्तिजनक है. जबकि, यह ऐसा मौका है, जब हर किसी को जाति, मजहब, समुदाय और दलगत राजनीति से ऊपर उठ कर इंसानियत का धर्म निभाना चाहिए.
इससे पहले, इंद्रेश कुमार ने मुस्लिम राष्ट्रीय मंच के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि एमआरएम की ओर से निकाली जा रही तिरंगा यात्रा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के हिस्से और कैलाश मानसरोवर की वापसी के लिए एक अहम अभियान है. 13 से 25 अगस्त तक, एमआरएम पूरे देश में तिरंगा यात्रा आयोजित कर रहा है, जो राष्ट्र की एकता,अखंडता और संप्रभुता का प्रतीक है.
पाकिस्तान को भुगतने पड़ सकते हैं गंभीर परिणाम
इंद्रेश कुमार ने पाकिस्तान पर भी आतंकवादी ट्रेनिंग कैंप चलाने और भारत में आतंकवादियों को भेजने का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर पाकिस्तान अपनी नीतियों में सुधार नहीं करता, तो उसे गंभीर नतीजे भुगतने होंगे. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद-370 और 35 (ए) हटाए जाने के बाद, आतंकवादियों और उनकी पनाहगाह पाकिस्तान ने कश्मीर को अस्थिर करने की साजिशें तेज कर दी हैं. नरेंद्र मोदी सरकार ने आतंकवादी गतिविधियों और घुसपैठ को रोकने के लिए कई सैन्य अभियान चलाए हैं और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान पर दबाव बनाने की कोशिश भी की है.
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