Bangladesh Violence Latest News: बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ अब पूरे देश में हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं. ढाका से लेकर फरीदपुर तक सभी शहरों में हिंदू लोग कट्टरपंथियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंदू समुदाय के लोगों से आज अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस मुलाकात कर सकते हैं.
बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों के खिलाफ अब पूरे देश में हिंदू सड़कों पर उतर आए हैं. ढाका से लेकर फरीदपुर तक सभी शहरों में हिंदू लोग कट्टरपंथियों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. हिंदू समुदाय के लोगों से आज अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस मुलाकात कर सकते हैं.
मोहम्मद यूनुस आज कर सकते हैं मुलाकात
बांग्लादेश की मीडिया के मुताबिक, मोहम्मद यूनुस ने हिंदुओं के बढ़ते प्रोटेस्ट को देखते हुए हिंदुओं की सुरक्षा पर चर्चा के लिए समुदाय के युवाओं और छात्रों को एक बैठक में बुलाया है. सूत्रों का कहना है कि यह बैठक सोमवार (12 अगस्त 2024) को हो सकती है. हिंदू छात्रों का समूह यूनुस सरकार से हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को फाउंडेशन में अपग्रेड करने, पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण करने, शारदीय दुर्गा पूजा के दौरान 5 दिनों की छुट्टी घोषित करने और अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की स्थापना करने की मांग कर सकता है.
कई शहरों में हिंदुओं ने किया प्रदर्शन
इससे पहले रविवार को भी हिंदू बांग्लादेश के अलग-अलग शहरों में एकजुट हुए और सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया. बोगरा में विरोध प्रदर्शन और रैलियां आयोजित की गईं, जिसमें त्वरित न्याय, मुआवज़ा और देश भर में हिंदुओं के घरों पर हो रहे हमले, मंदिरों में तोड़फोड़, आगजनी, लूटपाट और धमकी सहित हिंदू समुदायों के खिलाफ हिंसा को समाप्त करने की मांग की. रविवार दोपहर को खुलना विश्वविद्यालय और अन्य संस्थानों के सनातन छात्रों की ओर से खुलना के शिब्बरी चौराहे पर एक रैली बुलाई गई, जिसमें सनातन समुदाय के खिलाफ हमलों और दुर्व्यवहारों का विरोध किया गया.
इसके अलावा रविवार को ही तंगेल में भी हिंदू सड़कों पर उतरे और नौ विशेष कार्रवाइयों की मांग को लेकर एक विरोध रैली आयोजित की. रैली शाम 5 बजे बोरो काली मंदिर से शुरू हुई और शहर की विभिन्न सड़कों से होते हुए शहीद स्मृति नगर पार्क में एक सभा में समाप्त हुई.
अल्पसंख्यकों पर हमलों की निंदा की
अंतरिम सरकार के मुखिया और नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस ने शनिवार (10 अगस्त 2024) को अल्पसंख्यक समुदायों पर हमलों की निंदा की. उन्होंने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को जघन्य बताया और सभी युवाओं से हिंदू, ईसाई, बौद्ध परिवारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया.
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