Bangladesh Violence: तख्तापलट के बाद बांग्लादेश में इंडिया कल्चर सेंटर पर भीड़ ने बोल दिया था हमला, भारत ने उठाया यह कदम
Bangladesh Violence: भारतीय उच्चायुक्त ने बीते गुरुवार को ढाका में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की और इस दौरान कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई.
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पांच और छह अगस्त, 2024 को हिंसक भीड़ ने राजधानी ढाका में 'इंदिरा गांधी कल्चल सेंटर' (IGCC) पर भी हमला बोल दिया था. यहां तोड़फोड़ और आगजनी के बाद सब कुछ तहस नहस कर दिया गया. इसे लेकर अब भारत ने बड़ा कदम उठाया है. भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा ने बीते गुरुवार (22 अगस्त) को बांग्लादेश की राजधानी ढाका में अंतरिम सरकार के प्रमुख सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की.
भारतीय उच्चायुक्त प्रणय वर्मा और मुहम्मद यूनुस की कई प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की. इस दौरान भारतीय राजनयिक, उच्चायोग के स्टाफ और भारतीय संपदा की सुरक्षा करने पर भी बात हुई. IGCC में हुई तोड़फोड़ की जानकारी भी मोहम्मद यूनुस को दी गई. इंदिरा गांधी कल्चल सेंटर बांग्लादेश की राजधानी ढाका में पांच दशकों से भी ज्यादा समय से भारतीय सांस्कृतिक गतिविधियों का केंद्र रहा है.
भारतीय उच्चायोग के लिए काबुल जैसे ढाका में हो गए थे हालात
दरअसल, प्रधानमंत्री शेख हसीना के पीएम पद छोड़कर जाने के बाद ढाका में जबरदस्त हिंसा हुई. बांग्लादेश की राजधानी में 5 अगस्त को भारत सरकार की ओर से संचालित होने वाले इंदिरा गांधी कल्चल सेंटर पर भीड़ ने हमला किया और परिसर में तोड़फोड़ की. कई हिस्सों को आग भी लगा दी गई. इसके बाद ढाका में मौजूद भारतीय उच्चायोग पूरी तरह से लॉकडाउन मोड में आ गया है. ठीक ऐसा ही अगस्त 2021 में काबुल में भारतीय दूतावास में भी हुआ था, जब अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर चले गए थे और उनकी सरकार गिर गई थी. इसके बाद तालिबान ने वहां कब्जा कर लिया था.
ढाका के आलीशान धानमंडी में मौजूद है इंदिरा गांधी कल्चल सेंटर
बांग्लादेश में IGCC ढाका के आलीशान इलाके धानमंडी में है. यह उस जगह पर स्थित है, जहां 2010 से पहले भारतीय उच्चायोग हुआ करता था. भारतीय सांस्कृतिक केंद्र में भारतीय कला, संस्कृति, राजनीति अर्थशास्त्र और कथा साहित्य पर 21000 से ज्यादा किताबों वाली लाइब्रेरी मौजूद थी. यह भारतीय शास्त्रीय संगीत, कथक जैसे विषयों पर सेमिनार और वर्कशॉप का केंद्र रहा है.
प्रदर्शनकारियों के डर से IGCC से भागे सुरक्षाकर्मी
सूत्रों के मुताबिक जब प्रदर्शनकारियों के भीड़ में कल्चरल सेंटर पर हमला किया तो किताबें, स्टेशनरी, कंप्यूटरों को लूटा गया और आधे से ज्यादा हिस्सों को आग के हवाले कर दिया गया. प्रदर्शनकारियों की ओर से किए जा रहे यह हमले 5 अगस्त की शाम से 6 अगस्त तक जारी रहे. जानकारी के मुताबिक कल्चरल सेंटर में कोई भी भारतीय कर्मचारी मौजूद नहीं था. भीड़ को आता देख इसकी सुरक्षा में लगे सभी सुरक्षाकर्मी अपनी पोस्ट छोड़कर भाग निकले.
भारतीय उच्चायोग में रुके थे अधिकारी
सूत्रों के मुताबिक IGCC में तैनात अधिकारियों और उनके परिवार वालों को भारतीय उच्चायोग में बुला लिया गया था. 7 अगस्त को दिल्ली ने सभी कर्मचारियों और राजनयिकों के परिवार को वहां से बाहर निकलने का फैसला किया. 100 से ज्यादा लोग तो चले गए थे, लेकिन लगभग 30 लोग अभी भी यह सुनिश्चित करने के लिए रुके थे कि भारतीय उच्चायोग ढाका में काम करता रहे.
बांग्लादेश में भारत विरोधी भावना देखने को मिली
शेख हसीना के अपने पद से इस्तीफा देने के बाद वह भारत आ गईं. इसके बाद बांग्लादेश में पुलिसकर्मियों ने भी प्रदर्शनकारियों के डर से अपना काम बंद कर दिया. अवामी लीग के नेताओं, पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों सहित पिछली सरकार से जुड़े नागरिक समाज कार्यकर्ताओं और हिंदू समाज के लोगों सहित अल्पसंख्यकों पर खूब हमले हुए. इतना ही नहीं प्रदर्शनकारियों के गुस्से में भारत विरोधी भावना भी देखने को मिली.
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