Bangladesh Violence Updates: बांग्लादेश में पिछले कुछ दिनों से हिंसा बहुत ही ज्यादा बढ़ गई है. जगह-जगह दुकानों को लूटा जा रहा है और सरकारी दफ्तरों को आग के हवाले किया गया है. आरक्षण के खिलाफ शुरू हुए विरोध-प्रदर्शनों ने हिंसक रूप ले लिया है और खुद शेख हसीना को पीएम पद छोड़कर भागना पड़ा है. पड़ोसी देश की हिंसा में अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय को भी निशाना बनाया जा रहा है. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने इस पर चिंता जाहिर की है.
आरएसएस के भूतपूर्व सरकार्यवाहक और अखिल भारतीय कार्यकारिणी के सदस्य सुरेश भैयाजी जोशी ने कहा है, "बांग्लादेश एक अलग देश है और वहां स्वंयसेवी संगठन के रूप में काम करने में हमारी कुछ मर्यादा है. मगर हमने सरकार से अपील की है कि वह वहां के हिंदुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करें और हमें विश्वास है कि सरकार कठोर कदम उठाएगी. वहां से जो खबरें सामने आ रही है. ऐसा दिख रहा है कि वहां हिंदू टारगेट हो रहे हैं. सरकार द्वारा योग्य कदम उठाने की जरूरत है."
हिंदू मंदिरों में तोड़फोड़, दुकानों में आगजनी
हिंसा के बीच देश के कई जिलों में बांग्लादेशी हिंदुओं के घरों और दुकानों को आग के हवाले किया गया है. मंदिरों को भी नुकसान पहुंचाया गया है. बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद बताया कि 200 से लेकर 300 हिंदुओं के घरों और दुकानों में तोड़फोड़ की गई है. दो दर्जन के करीब हिंदू मंदिर भी उपद्रिवयों के निशाने पर आए हैं. अभी तक हिंसा में अल्पसंख्यक समुदाय के 40 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. बता दें कि हिंदू समाज शेख हसीना की आवामी लीग का समर्थक रहा है.
कहां-कहां हुई हिंदुओं के साथ हिंसा?
बांग्लादेश के 20 से ज्यादा जिलों में हिंदुओं को उपद्रवी भीड़ ने निशाना बनाया है. पंचगढ़, दिनाजपुर, बोगुरा, रंगपुर, शेरपुर किशोरगंज, सिराजगंज, मुगरा, नरैल, पश्चिम जशोर, पटुआखली, दक्षिण-पश्चिम खुलना, मध्य नरसिंगड़ी, सतखीरा, तंगैल,फेनी चटगांव, उत्तर-पश्चिम लक्खीपुर और हबीगंज जैसी जगहों पर भीड़ का आतंक जारी है. उनके ऊपर न सिर्फ हमला किया गया है, जबकि उनकी संपत्तियों को भी लूटा गया है. बांग्लादेश में 8 फीसदी आबादी अल्पसंख्यक हिंदुओं की है.
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