Bangladesh Water Crisis: भारत के इस कदम से बूंद-बूंद के लिए तरस जाएगा बांग्लादेश, दुश्मनी मोल लेकर फंसी यूनुस सरकार!
Bangladesh Water Crisis: बांग्लादेश, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. भारत से आयात होने वाली कई वस्तुएं, जैसे अनाज, दवाएं और कच्चा माल बांग्लादेश की जरूरतों को पूरा करता है.
Bangladesh Water Crisis: भारत और बांग्लादेश के बीच जिस तरह के हालात बने हैं उसे देखते हुए लग रहा है कि पड़ोसी देश खुद भारत से दुश्मनी मोल ले रहा है. बांग्लादेश सरकार ने अपनी स्थिति ऐसी बना ली है कि आने वाले समय में देश की जनता को पानी के लिए तरसना पड़ सकता है. 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरी और अंतरिम प्रधानमंत्री मोहम्मद यूनुस की सरकार ने भारत के खिलाफ लगातार कदम उठाने शुरू कर दिए. देश में हिंदुओं पर हमले बढ़ते जा रहे हैं. बिजनेस को लेकर भी सभी समझौते रद्द किए जा रहे हैं और अब बात यहां तक पहुंच गई है कि बांग्लादेश की ओर से उठाए गए कदम उन्हीं की जनता पर भारी पड़ सकते है.
बांग्लादेश का जीवन गंगा और ब्रह्मपुत्र जैसी नदियों पर निर्भर है. इन्हीं नदियों से वहां पर पीने का पानी, खेती-किसानी और सिंचाई के लिए पानी मिलता है और भारत से पानी समझौते पर तनाव की स्थिति बांग्लादेश में जल संकट पैदा कर सकती है. भारत ने किसी प्रकार की कोई जल परियोजनाएं शुरू की या फिर जल प्रवाह में कोई बदलाव किया तो बांग्लादेश के ग्रामीणों को पानी की किल्लत हो जाएगी. देश में कृषि उत्पादन घट जाएगा और सूखा जैसी स्थिति पैदा हो सकती है. लाखों लोगों को पीने के पानी के लिए संघर्ष करना पड़ेगा.
‘चरमरा जाएगी बांग्लादेश की आर्थिक व्यवस्था’
यही नहीं बांग्लादेश, भारत के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है. भारत से आयात होने वाली कई वस्तुएं, जैसे अनाज, दवाएं और कच्चा माल बांग्लादेश की जरूरतों को पूरा करता है. अगर भारत से व्यापार बंद हो गया तो बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था चरमरा सकती है. दोनों ही देशों की सीमा पर होने वाले व्यापार का सीधा असर वहां के स्थानीय बाजारों और रोजगार पर भी पड़ सकता है, जैसा की पाकिस्तान में हुआ था.
भारत से व्यापार रुकने पर कैसी होगी बांग्लादेश की स्थिति
अब सवाल ये है कि दोनों देशों के बीच अगल व्यापार रुक जाता है तो क्या होगा… बांग्लादेश में महंगाई चरम पर आ जाएगी. लोगों को आवश्यक वस्तुएं नहीं मिल पाएगी. गरीबी और आर्थिक अस्थिरता बढ़ जाएगी. भारत के साथ दुश्मनी मोल लेने से सिर्फ आर्थिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक और सामाजिक तौर पर भी असर देखने को मिलेगा. हालांकि, भारत अभी तक धैर्य दिखा रहा है, लेकिन बांग्लादेश का रवैया इसी तरह का रहा तो भारत भी कड़े कदम उठाने से पीछे नहीं हटेगा. भारत की ओर से जल संसाधनों का नियंत्रण, व्यापारिक समझौतों को रोकना और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर बांग्लादेश की सरकार को बेनकाब करना, जैसे कदम उठाए जा सकते हैं. ये सब बांग्लादेश की जनता के लिए बेहद नुकसानदायक हो सकता है.