बंगाल चुनाव प्रचार में बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस की एंट्री से मचा बवाल, क्या कहते हैं EC के नियम
सूत्रों के मुताबिक अगर गृह मंत्रालय को ऐसी शिकायत मिलती है जिसमें कहा गया हो कि विदेशी नागरिक ने जिस मकसद से भारत आने की बात कही थी उस मकसद से अलग किसी गतिविधि में शामिल रहा है तो फिर गृह मंत्रालय ऐसे शख्स के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है.
नई दिल्लीः बंगाल के उत्तर दिनाजपुर में तृणमूल कांग्रेस का प्रचार करने बांग्लादेशी अभिनेता फिरदौस अहमद पहुंचे थे. फिरदौस के इस रैली में पहुंचने के बाद सवाल खड़ा हुआ कि क्या कोई भी विदेशी नागरिक आकर चुनावों के दौरान किसी भी राजनीतिक पार्टी के उम्मीदवार के लिए वोट मांग सकता है! इस पर चुनाव आयोग के नियम क्या कहते हैं, एबीपी न्यूज़ ने यह जाने की कोशिश की. इसके तहत पता चला कि 'चुनाव आयोग के नियमों में इस बात का जिक्र नहीं है कि कोई विदेशी नागरिक आ कर चुनाव प्रचार में शामिल हो सकता है या नहीं'.
चुनाव आयोग के बाद एबीपी न्यूज़ ने विदेश मंत्रालय से भी पता करने की कोशिश की क्या फिरदौस का तृणमूल कांग्रेस के प्रचार करना विदेश मंत्रालय के किसी नियम के तहत गैरकानूनी है या नहीं.
'विदेश मंत्रालय के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक विदेश मंत्रालय किसी भी विदेशी नागरिक को वीजा जारी करता है लेकिन उससे पहले की जो पड़ताल होती है वह गृह मंत्रालय के अंतर्गत आती है और जिस शख्स को वीज़ा जारी किया जाना होता है वह बाकायदा इस बात का जिक्र करता है कि आखिर वह देश में किस मकसद से आ रहा है'
अब तक की जानकारी से ये तो साफ हो गया है कि चुनाव आयोग और विदेश मंत्रालय के नियमों के हिसाब से फिरदौस का चुनाव प्रचार करना गैरकानूनी नहीं है इसके बाद बारी आती है गृह मंत्रालय के नियम कानून की
'सूत्रों के मुताबिक अगर गृह मंत्रालय को ऐसी शिकायत मिलती है जिसमें कहा गया हो कि विदेशी नागरिक ने जिस मकसद से भारत आने की बात कही थी उस मकसद से अलग किसी गतिविधि में शामिल रहा है तो फिर गृह मंत्रालय ऐसे शख्स के खिलाफ कार्रवाई कर सकता है'
यानी साफ है कि चुनाव आयोग के पास शिकायत आने के बाद चुनाव आयोग इस मामले में गृह मंत्रालय से रिपोर्ट मांगेगा. जिसके बाद गृह मंत्रालय स्थानीय प्रशासन से यह पता करने की कोशिश करेगा की फिरदौस किस तरह की गतिविधियों में शामिल रहे हैं और उन्होंने किस तरीके की भाषा का इस्तेमाल किया है. वो रिपोर्ट मंत्रालय के पास भेजी जाएगी और उसके बाद वो रिपोर्ट चुनाव आयोग के पास जाएगी और इस सब के बाद अगर लगता है कि फिरदौस ने जिन शर्तों के आधार पर भारत का वीजा लिया था उन्होंने चुनाव प्रचार कर उन शर्तों का उल्लंघन किया है तो तो फिरदौस का वीजा रद्द करने की भी कार्रवाई की जा सकती है लेकिन यहां यह साफ कर देना जरूरी है कि इस पूरी प्रक्रिया में कई झोल भी हैं जिसका फायदा फिरदौस जैसे विदेशी नागरिकों को मिल सकता है.
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