बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि पिछले साल सत्ता परिवर्तन के बाद बांग्लादेशियों की अवैध घुसपैठ में काफी हद तक कमी आई है. उन्होंने कहा कि बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) की मदद से यह संभव हुआ है. उन्होंने बीजीबी से बॉर्डर पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कहा है ताकि घुसपैठ, बीएसएफ जवानों और नागरिकों पर हमले जैसी चीजें न हों.
बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) के प्रमुख दलजीत सिंह चौधरी और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के चीफ महानिदेशक मेजर जनरल मोहम्मद अशरफुज्जमां सिद्दीकी ने तीन दिवसीय बैठक में बहुत से मुद्दों पर बात हुई, जिनमें भारत का फोकस अवैध घुसपैठ, बीएसएफ जवानों और नागरिकों पर हमले, हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हुई हिंसात्मक घटनाओं पर था. वहीं, बांग्लादेश ने जीरो लाइन के पास 150 गज की दूरी में भारत की ओर से की जा रही फेंसिंग (बाड़ लगाना) का मुद्दा उठाया.
दिल्ली में दोनों देशों के बीच 55वां महानिदेशक स्तरीय सीमा वार्ता कार्यक्रम 17 से 20 फरवरी तक चला. न्यूज एजेंसी पीटीआई के अनुसार बीएसएफ महानिदेशक दलजीत सिंह चौधरी ने कहा कि भारतीय पक्ष ने बैठक के दौरान बीजीबी से आग्रह किया कि वह यह सुनिश्चित करे कि सीमा पूरी तरह सुरक्षित रहे और सीमा पर कोई घुसपैठ न हो, ताकि बांग्लादेशी अपराधियों की ओर से बीएसएफ कर्मियों और स्थानीय भारतीयों पर हमला करने की घटनाएं न हों.
दलजीत सिंह चौधरी ने कहा, 'बांग्लादेशी बदमाशों की ओर से बीएसएफ और नागरिकों पर हमलों के मुद्दे को उठाया गया... भारत सरकार एक गैर-घातक रणनीति (सीमा पर पहले गैर-घातक हथियारों का उपयोग) का पालन करती है... कभी-कभी रात के अंधेरे का फायदा उठाकर और बाड़ को तोड़कर कुछ बदमाश हमारे क्षेत्र में घुसने की कोशिश करते हैं और फिर बीएसएफ कर्मियों पर हावी होने या उन पर काबू पाने का प्रयास करते हैं...'
बांग्लादेश से भारत में अवैध घुसपैठ की घटनाओं के बारे में पूछे जाने पर दोनों प्रमुखों ने कहा कि पिछले साल पांच अगस्त के बाद 4,096 किलोमीटर लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर ऐसी घटनाओं में कमी आई है. दलजीत सिंह चौधरी ने कहा, 'घुसपैठ में काफी कमी आई है और यह बीजीबी की सक्रिय मदद से संभव हुआ है. पूरे संकट (पिछली सरकार के पतन) के दौरान बीजीबी हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रही और सीमा पर शांति बनाए रखने में हमारी मदद की.'
बीएसएफ मुख्यालय में गुरुवार को संपन्न हुई तीन दिवसीय वार्ता के दौरान बाड़ लगाने से संबंधित मुद्दों पर चर्चा के बारे में बीजीबी महानिदेशक ने कहा कि उन्होंने संभावित मामलों की संख्या पर प्रकाश डाला है, जहां अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट विकास कार्यों का निर्माण किया जा रहा है और यह नवीनतम वार्ता के दौरान सबसे अधिक फोकस वाला एजेंडा था.
यह पूछे जाने पर कि क्या शेख हसीना के सत्ता से बाहर जाने और मोहम्मद यूनुस सरकार के आने के बाद क्या दोनों पक्षों के एजेंडे बदल गए हैं. इस पर बीजीबी महानिदेशक ने कहा कि मोटे तौर पर विषय समान हो सकते हैं, लेकिन उनके अंदर के मुद्दे और उनके संदर्भ में बदलाव हुए हैं और सामान्य मदों के तहत कई नए मुद्दे हैं...' वहीं, बीएसएफ प्रमुख ने कहा कि एजेंडे समाने थे, लेकिन उनमें थोड़े बहुत बदलाव हुए हैं क्योंकि भारत-बांग्लादेश सीमा एक बहुत ही गतिशील और सक्रिय सीमा है.