नई दिल्लीः रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक ऑफ चाइना को भारत में अपनी पहली शाखा खोलने की मंजूरी दे दी है. उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक बीओसी को इसके लिए ज़रूरी इजाज़त के दस्तावेज़ जारी कर दिए गए हैं.


भारत और चीन के बीच संबंध सुधारने के लिए किए जा रहे उपायों में भारतीय बैंकिंग क्षेत्र में चीन की आमद को लेकर सहमति बनी थी. बीते दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच पहले वुहान और फिर चिंगदाओ में हुई मुलाकातों के दौरान आर्थिक सहयोग मजबूत करने का के उपायों पर सहमति बनी थी जिनमें बैंकिंग क्षेत्र ही शामिल है.


चीन के 100 से अधिक वर्ष पुराने इस बैंक का मार्केट कैपिटल करीब 158 अरब डॉलर से अधिक है. बीओसी भारत में कदम रखने वाला दूसरा चीनी बैंक है.


बैंक ऑफ चाइना ने जुलाई 2016 में मंजूरी के लिए आवेदन किया था. हालांकि उस समय डोकलाम सीमा तनाव के कारण मामला उलझ गया था. बताया जाता है कि बीओसी के मालिकाना हिस्सेदारियों को लेकर भी शंका के कुछ सवाल उठे थे जिनके मुताबिक इसमें परोक्ष रूप से नियंत्रण चीनी सेना के हाथ में है.


चीन का इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल बैंक ऑफ चाइना 2011 से भारत में मौजूद है. आइसीबीसी की एक शाखा मुम्बई में है. वहीं भारत के सबसे बड़े सरकारी बैंक एसबीआई की दो शाखाएं चीन में कारोबार कर रही हैं. एसबीआई की शंघाई के अलावा तिआनजिन में एक शाखा है. इसके अलावा भारत के बैंक ऑफ बड़ोदा, कैनरा बैंक, आईसीआईसीआई व एक्सिस बैंक की भी एक एक शाखा चीन में है.


चीन सरकार बारबार यह मुद्दा उठा रहा था कि उसने भारतीय बैंकों को 7 शाखाएं खोलने की मंजूरी 2006 में ही दे दी थी. मगर उसके बैंकों को भारत की तरफ से इजाजत नहीं दी गई.