श्रीनगर: कश्मीर में बंदूक के दम पर बैंक डकैती 1990 की शुरुआत में अलगाववादी संघर्ष के दौरान ही शुरू हो गई थी. लेकिन हाल के दिनों में इसमें अभूतपूर्व तेजी आई है यह वजह कि सेना और पुलिस ने गुरुवार को घाटी के सोपिया जिले के 20 गांवों में छापेमारी कर बड़े पैमाने पर अभियान शुरू किया है.


साल 1990 में कश्मीर में हुई थी पहली बैंक डकैती


राज्य में पहली बैंक डकैती 1990 के मध्य में श्रीनगर के पुराने शहर के महाराजगंज क्षेत्र में हुई जहां जे एंड के बैंक की शाखा से 40,000 रुपये लूटे गए थे. वहीं, दिनदहाड़े डकैती की दूसरी घटना 1990 के मध्य में ही अनंतनाग शहर में हुई जहां जे एंड के बैंक की शाखा से 1 करोड़ रुपये की लूट की गई.


एक सरकारी बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "1990 में असुरक्षा भरे माहौल के कारण घाटी के दुर्गम और दूरदराज के इलाकों के बैंकों की सभी शाखाएं बंद कर दी गई थी. लेकिन जब धीरे-धीरे स्थिति सुधरी तो ये शाखाएं वापस खोली गई." उस समय इन बैंकों के सारे कर्मचारी कश्मीरी पंडित समुदाय से थे, जो घाटी छोड़कर निकल गए.


1990 के मध्य में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा एक विशेष भर्ती कार्यक्रम चलाया गया और स्थानीय युवाओं की भर्ती की गई. 90 के दशक के अंत और 2000 के दशक की शुरुआत से स्थिति सुधरने लगी और घाटी में बैंक डकैती की घटनाएं बंद हो गई.


पिछले 6-8 महीनों से फिर शुरू हुई बैंक डकैतियां


हाल के दिनों में पिछले 6-8 महीनों से बैंक डकैतियां फिर शुरू हुई है. घाटी का सबसे बड़ा क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक इलाकाई देहाती बैंक की 50 से ज्यादा शाखाएं श्रीनगर, गंदेरबाल, बदगाव, पुलवामा, अनंतनाग और कुलगाम जिलों में है.


इस बैंक के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "हमारी शाखाएं गांवों और शहरों में बिना किसी सुरक्षा के चल रही थी. ग्रामीण इलाकों में कर्ज लेन-देन की प्रणाली में हमारे बैंक की महत्वपूर्ण भूमिका है. पिछले आठ महीनों में हमारे बैंक को लूटने की तीन असफल घटनाएं हुई."


उन्होंने कहा, "लेकिन पिछले हफ्ते दिनदहाड़े डकैती की दो घटनाएं हुई है. एक कुलगाम जिले में मंगलवार को जहां बंदूक की नोक पर 65,000 रुपये लूट लिए गए तथा दूसरी पुलवामा में जहां बुधवार को 4.92 लाख रुपये लूटे गए." बैंकों की दिनदहाड़े डकैती से सबसे ज्यादा खतरा जे एंड के बैंक को है जिसकी राज्य में गांवों और शहरों में सबसे ज्यादा शाखाएं हैं.


'बैंक डकैती और नोटबंदी के बीच किसी ताल्लुक की संभावना से इनकार'


जे एंड के बैंक के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया, "घाटी के ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में हमारी 200 से ज्यादा शाखाएं है. हमारी शाखाओं की संख्या को देखते हुए हम सबसे ज्यादा खतरे में हैं." हालांकि अधिकारी ने बैंक डकैती और नोटबंदी के बीच किसी ताल्लुक की संभावना से इनकार किया और इसे पूरी तरह कानून-व्यवस्था की समस्या बताया.


सुरक्षा बलों ने बताया कि बैंक डकैती के मामले में शोपिया में चलाया जा रहा अभियान हाल के महीनों में सबसे बड़ा अभियान है. लेकिन बड़ा सवाल यह है कि क्या ऐसे अभियानों से बैंकिंग कर्मियों में विश्वास लौटेगा या नहीं कि वे रोजमर्रा के काम बिना किसी भय के निपटा सकें. वहीं, दूसरी तरफ उग्रवादियों को भी कड़ा संदेश मिल सके.


कश्मीर में सुरक्षा बलों से झड़प में 10 स्टूडेंट घायल


जम्मू कश्मीर के सोपोर में गुरुवार को सुरक्षा बलों के साथ झड़प में दस स्टूडेंट घायल हो गए. सोपोर के उच्च माध्यमिक स्कूल के विद्यार्थियों ने पुलिस और अर्धसैनिक बलों पर पत्थर फेंके थे.


पुलिस ने कहा है, "विरोध करने वाले स्टूडेंट्स को हटाने के लिए आंसू गैस का उपयोग किया गया. इस दौरान दो विद्याथियों को गिरफ्तार किया गया." विद्यार्थी इस क्षेत्र में तीन दिन पहले कथित रूप से एक सैन्य अफसर द्वारा एक महिला को पीटे जाने का विरोध कर रहे थे.