सरकारी बैंकों को प्राइवेट क्षेत्र को सौंपने के सरकार के कदम के खिलाफ पब्लिक सेक्टर के बैंक दो दिन की राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर हैं. आज हड़ताल का दूसरा दिन है. गौरतलब है कि इस बार बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ऐलान किया था कि इस साल सरकार दो सरकारी बैंकों और एक इंश्योरेंस कंपनी का निजीकरण करेगी. तभी से बैंक कर्मचारी यूनियन इसका विरोध कर रही है.बैंक हड़ताल की वजह से लोगों को बैंक संबंधी कार्य करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं आज कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी बैंक हड़ताल का समर्थन करते हुए मोदी सरकार पर निशाना साधा है. राहुल गांधी ने आरोप लगाया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को सांठगांठ वाले पूंजीपतियों (क्रोनी) के हाथों में बेचना देश की वित्तीय सुरक्षा के साथ समझौता होगा.


राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में ये लिखा


बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ट्वीट में लिखा है, “ केंद्र सरकार लाभ का निजीकरण और नुकसान का राष्ट्रीयकरण कर रही है. सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों को क्रोनी के हाथों में बेचना भारत की वित्तिय सुरक्षा के साथ समझौता होगा.”





गौरतलब है कि सरकारी बैंकों की हड़ताल की वजह से बैंकिंग कामकाज प्रभावित हुआ है. हड़ताल के चलते सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में नकदी निकासी, जमा, चेक समाशोधन और कारोबारी लेनदेन प्रभावित हुआ. यूनियन नेताओं ने दो दिन की इस हड़ताल में करीब 10 लाख बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के शामिल होने का दावा किया है.


कौन कौन से बैंक संगठन हड़ताल में शामिल हैं?
नौ अलग अलग बैंकों की यूनियन के संगठन, यूनाइडेट फोरम ऑफ बैंक यूनियन्स ने इस हड़ताल का एलान किया था - इसमें ऑल इंडिया बैंक एम्प्लॉयज एसोसिशन (एआईबीईए), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कॉन्फेडरेशन (एआईबीओसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ बैंक एम्प्लॉयज (एनसीबीई), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) और बैंक एम्प्लॉयज कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडिया (बीईएफआई) शामिल हैं. इसके अलावा इंडियन नेशनल बैंक एम्प्लॉयज फेडरेशन (आईएनबीईएफ), इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी), नेशनल ऑर्गनाइजेशन ऑफ बैंक वर्कर्स (एनओबीडब्ल्यू) और नेशनल आर्गनाइजेशन ऑफ बैंक ऑफिसर्स (एनओबीओ) भी इसमें शामिल हैं.


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