कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलन को बैंक यूनियनों का समर्थन, कहा- किसानों की परेशानियों का समाधान करे सरकार
नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 11वें दिन भी जारी है. किसानों ने आठ दिसंबर को ‘भारत बंद’ का एलान किया है. किसानों की सरकार के साथ 9 दिसंबर को अगली बैठक होगी.
नई दिल्ली: कई बैंक यूनियनों ने नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों का समर्थन किया है. यूनियनों ने सरकार ने इस मुद्दे को जल्द से जल्द सुलझाने का आग्रह किया है. ऑल इंडिया बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन (एआईबीईए) ने बयान में कहा कि सरकार को आगे आकर देश और किसानों के हित में उनकी मांगों का समाधान करना चाहिए.
अधिकारियों की यूनियनों...ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स कनफेडरेशन (एआईबीओसी), ऑल इंडिया बैंक ऑफिसर्स एसोसिएशन (एआईबीओए) तथा इंडियन नेशनल बैंक ऑफिसर्स कांग्रेस (आईएनबीओसी) ने सरकार से आग्रह किया है कि वह इन विधेयकों को राष्ट्रपति के विशेष आदेश के जरिये प्रवर समिति को भेजकर गतिरोध दूर करे.
किसान संगठनों का कहना है कि तीनों नए कृषि कानून.....कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून, 2020, आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून, 2020 और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवाओं पर कृषक (संरक्षण एवं सशक्तीकरण) कानून-2020 से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था समाप्त हो जाएगी और वे बड़ी कंपनियों की ‘दया’ पर निर्भर हो जाएंगे.
इन कानूनों को सितंबर में लागू किया गया है.
अधिकारियों की तीनों यूनियनों ने संयुक्त बयान में कहा, ‘‘हमारे देश को शांति चाहिए और किसानों की दिक्कतों को दूर किया जाना चाहिए. कोविड-19 महामारी के दौरान सिर्फ कृषि ही ऐसा क्षेत्र था, जिसका प्रदर्शन सकारात्मक रहा. यह इस क्षेत्र की बुनियादी ताकत को दर्शाता है.’’
8 दिसंबर को भारत बंद का एलान
किसानों ने जानकारी दी है कि 8 दिसंबर को सुबह से लेकर शाम तक भारत बंद रहेगा. इसके अलावा दोपहर तीन बजे तक पूरे देश में चक्का जाम रहेगा. किसानों ने कहा है कि इस दौरान इमेरजेंसी सेवाओं जैसे एंबुलेंस वगैरह को नहीं रोका जाएगा. शादी की गाड़ियों को भी नहीं रोका जाएगा.
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