टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाना चीन की निगरानी से बड़ा हथियार छीनने जैसा है: अमेरिकी अधिकारी
भारत-चीन में लद्दाख के गलवान घाटी के सीमा विवाद के बाद भारत में टिक टॉक समेत 59 चीनी ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. इस पर टिप्पणी करते हुए अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने कहा है कि यह चीन के निगरानी के काम से एक बड़ा हथियार छीनने के समान है.
वाशिंगटनः व्हाइट हाउस के एक शीर्ष अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि भारत जैसे देशों द्वारा टिकटॉक जैसी मोबाइल ऐप पर प्रतिबंध लगाना चीन के निगरानी के काम से एक बड़ा हथियार छीनने के समान है. अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रॉबर्ट ओ’ब्रायन ने फॉक्स न्यूज रेडियो को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ट्रंप प्रशासन चीनी ऐप टिकटॉक, वीचैट और कुछ अन्य पर ‘‘बहुत गंभीरता से विचार कर रहा है.’’
अमेरिका में भी लग सकता है चीनी ऐप पर प्रतिबंध
उन्होंने टिकटॉक जैसे ऐप से पैदा हो रहे खतरे पर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘जैसा कि आप जानते हैं भारत ने पहले ही उन ऐप्स पर प्रतिबंध लगा दिया है. अगर भारत और अमेरिका में इन ऐप के इस्तेमाल पर रोक लग जाती है तो कुछ पश्चिमी देशों में भी रोक लग जाएगी जिससे सीसीपी (चाइनीज कम्युनिस्ट पार्टी) के जासूसी या निगरानी के काम से एक बड़ा हथियार छिन जाएगा.’’
चीन कर सकता है निजी डेटा का इस्तेमाल
ओ’ब्रायन ने कहा, ‘‘जो बच्चे टिकटॉक का इस्तेमाल कर रहे हैं. और यह मजेदार हो सकता है. लेकिन कई अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी है जिनका वे इस्तेमाल कर सकते हैं. वे आपके सभी निजी डेटा ले रहे हैं, आपका सबसे व्यक्तिगत डेटा ले रहे हैं. वे यह पता लगा रहे हैं कि आपके दोस्त कौन हैं, आपके माता-पिता कौन हैं. वे आपके सभी संबंधों का पता लगा सकते हैं.’’
टिकटॉक समेत अन्य चीनी ऐप्स पर भी विचार कर रहा ट्रंप प्रशासन
उन्होंने कहा कि सभी सूचना सीधे-सीधे चीन में सुपर कम्प्यूटर्स में जा रही है. उन्होंने कहा, ‘‘चीन आपके बारे में सबकुछ जान रहा है. आपको इसे लेकर काफी सावधान रहना चाहिए कि आप किसे ऐसी निजी सूचना दे रहे हैं.’’ शीर्ष अधिकारी ने कहा कि ट्रंप प्रशासन न केवल टिकटॉक बल्कि वीचैट और कुछ अन्य चीनी ऐप्स पर भी विचार कर रहा है क्योंकि चीनी अमेरिका का निजी डेटा पाने के लिए बेताब रहते हैं.