नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ते कोरोना वायरस के मामलों को देखकर दिल्ली सरकार ने तैयारियां शुरी कर दी हैं. एक अनुमान के मुताबिक, 31 जुलाई तक दिल्ली में कोरोना मरीजों की संख्या 5 लाख पार कर जाएगी. ऐसे में हालात बेकाबू ना हो जाए, यही सरकार की चिंता है. युद्ध स्तर पर मरीजों के लिए टेंपररी अस्पताल बनाय जा रहे हैं. इसी कड़ी में नार्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट के करीब 22 बैंक्वेट हॉल और मॉल की सरकार ने लिस्ट तैयार की है जिनके 2 लाख 40 हजार स्क्वायर फ़ीट के एरिया करीब 3280 बैड तैयार किए जा सकेंगे. ये सभी बैंक्वेट हॉल वजीरपुर इंडस्ट्रियल एरिया, वज़ीरपुर, लॉरेंस रोड और रोहिणी इलाके में हैं.


बैंक्वेट हॉल के मालिक ने सरकार की योजना पर उठाए सवाल


दिल्ली के वज़ीरपुर इंडस्ट्रियल इलाके के बैंक्वेट हॉल रॉयल पैपर के मालिक सौरभ जिंदल ने सरकार के इस कदम पर सवाल खड़े किये हैं. इनका कहना है कि इन बैंक्वेट हॉल को कोविड केयर सेन्टर बनाना प्रैक्टिकली संभव नहीं होगा क्योंकि ये बैंक्वेट हॉल शादी और दूसरे फंक्शन के लिए बने हैं. इसलिए हर फ्लोर पर 3 से 4 टॉयलेट हैं जो की मरीजों के लिए नाकाफी होंगे. साथ ही कोई वेंटिलेशन नहीं है. सेंट्रलाइज्ड एयर कंडीशन होना भी मरीजो के लिए अनुकूल नहीं है. बाकी अभी तक सरकार की तरफ से ना ही कोई तैयारी शुरू की गयी है और ना ही इन्हें कोई जानकारी दी गयी है.


31 जुलाई तक पड़ सकती है 80 हजार बैड की जरूरत


दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में दिल्ली में बढ़ते कोरोना मरीजो की  संख्या पर चिंता जताई थी और कहा था कि 31 जुलाई तक एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में 5 लाख से ज्यादा कोविड-19 मरीजों की संख्या पहुंच सकती है और तब तक दिल्ली को 80000 बेड की जरूरत पड़ेगी. यही वजह है कि दिल्ली सरकार इस पर तेजी से काम कर रही है.


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