बीजेपी विधायक बंशीधर भगत बने उत्तराखंड विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर, यहां जानिए सबकुछ
प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद भगत विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने अन्य निर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ विधायक और पूर्व कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत ने सोमवार को उत्तराखंड की नवनिर्वाचित विधानसभा के प्रोटेम स्पीकर (कार्यवाहक विधानसभा अध्यक्ष) के रूप में शपथ ली. यहां राजभवन में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह ने कार्यवाहक मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मुख्य सचिव एसएस संधु और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में कालाढूंगी से विधायक भगत को शपथ दिलाई.
प्रोटेम स्पीकर बनने के बाद भगत विधानसभा पहुंचे, जहां उन्होंने अन्य निर्वाचित विधायकों को सदन की सदस्यता की शपथ दिलाई. सातवीं बार विधायक बने भगत को नई विधानसभा द्वारा अध्यक्ष चुने जाने तक की अवधि के लिए प्रोटेम स्पीकर बनाया गया है.
उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया
वर्ष 1991 में पहली बार उत्तर प्रदेश विधानसभा में नैनीताल से विधायक बने भगत ने 1993 और 1996 में भी नैनीताल विधानसभा क्षेत्र से जीत हासिल की. इस दौरान उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री बनाया गया. वर्ष 2000 में राज्य के गठन के बाद वह उत्तराखंड की अंतरिम सरकार के कैबिनेट मंत्री रहे.
मार्च 2021 तक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद संभाला
वर्ष 2007 में हल्द्वानी विधानसभा से वह चौथी बार विधायक चुने गए और मंत्री बने. वर्ष 2012 में परिसीमन के बाद बनी कालाढूंगी विधानसभा सीट से वह विधायक चुने गए और कैबिनेट मंत्री भी बने. उन्होंने मार्च 2021 तक प्रदेश पार्टी अध्यक्ष का पद भी संभाला.
प्रोटेम स्पीकर की भूमिका
प्रोटेम स्पीकर का काम नए सदस्यों को शपथ दिलाना और स्पीकर (विधानसभा अध्यक्ष ) का चुनाव कराना होता है. आमतौर पर सबसे वरिष्ठ विधायक यानी जो सबसे ज्यादा बार चुनाव जीतकर आया हो, उसे ही प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, लेकिन राज्यपाल इसे माने ये जरूरी नहीं है.
कैसे होता है प्रोटेम स्पीकर का चुनाव?
प्रोटेम स्पीकर के लिए विधानसभा सचिवालय की तरफ से राज्यपाल को सबसे वरिष्ठ विधायकों के नाम भेजे जाते हैं और राज्यपाल उनमें से एक विधायक को चुनता है, ये राज्यपाल का विशेषाधिकार है कि वो किसे चुने.
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