Bappi Lahiri: अपने अंतिम सफर पर निकले बप्पी दा, थोड़ी देर में पवनहंस श्मशान गृह में होगा अंतिम संस्कार
Bappi Lahiri: जुहू के 'लाहिड़ी हाउस' से बप्पी दा का पार्थिव शरीर विले पार्ले के पवन हंस स्थित श्मशान गृह के लिए खुले ट्रक में फूलों से सजाकर ले जाया जा रहा है.
Bappi Lahiri Passes Away: बॉलीवुड के मशहूर सिंगर बप्पी लहरी का मंगलवार देर रात मुंबई के एक अस्पताल में निधन हो गया था. उनकी उम्र 69 साल थी. उनका मुंबई के जुहू के क्रिटी केयर अस्पताल में रात 11 बजे निधन हो गया था. गुरुवार को आज उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा. उनका पार्थिव शरीर उनके जूहु स्थित घर से पवनहंस श्मशान गृह के लिये निकल चुका है. वहीं उनका अंतिम संस्कार किया जायेगा.
लाहिड़ी हाऊस से शुरु होगी अंतिम यात्रा
मिली जानकारी के मुताबिक जुहू के 'लाहिड़ी हाउस' से बप्पी दा का पार्थिव शरीर विले पार्ले के पवन हंस स्थित श्मशान गृह के लिए खुले ट्रक में फूलों से सजाकर निकल चुका है. उनका शव एक खुले ट्रक पर रखा हुआ है. ट्रक पर बप्पी लहिड़ी की बड़ी सी तस्वीर भी लगी हुई है.
घर से श्मशान गृह की दूरी तय करने में लग सकता है वक्त
बप्पी दा के घर लाहिड़ी हाउस से श्मशान गृह की दूरी तकरीबन 2.6 किलोमीटर है और सामान्यतः 10 मिनट में यह रास्ता तय किया जा सकता है लेकिन ट्रक की रफ्तार और लोगों की भीड़ के मद्देनजर इस दूरी को कवर करने में घंटे भर का भी समय लग सकता है. अंतिम सफर का ये समय (कम या ज्यादा) पूरी तरह से इसकी रफ्तार पर निर्भर करेगा.
गौरतलब है कि उनका मुंबई के जुहू के क्रिटी केयर अस्पताल में रात 11 बजे निधन हो गया था. उनका जन्म 27 नवंबर 1952 को जलपाईगुड़ी पश्चिम बंगाल में हुआ था. उनका असली नाम अलोकेश लाहिड़ी था. उनके माता पिता का नाम अपरेश लाहिड़ी और मां का नाम बान्सरी लाहिड़ी था.
बेहद पसंद था सोने के गहने पहनना
बप्पी लहिरी को सोना पहनना और हमेशा चश्मा लगाकर रखना बेहद पसंद था. गले में सोने की मोटी-मोटी चेन और हाथ में बड़ी-बड़ी अंगूठियां समेत सोने के ढेर सारे गहने पहनना उनकी पहचान थी. बप्पी लहिरी को बॉलीवुड का पहला रॉक स्टार सिंगर भी कहा जाता है. बप्पी लहिरी के दो संतान हैं.
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